हनुमानगढ़

हनुमानगढ़-सूरतगढ रेलवे ट्रैक हुआ इलेक्ट्रिक, रेलवे ने बढ़ाई सुरक्षा

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हनुमानगढ़Apr 09, 2019 / 04:15 pm

Rajaender pal nikka

हनुमानगढ़- सूरतगढ रेलवे ट्रैक हुआ इलेक्ट्रिक , रेलवे ने बढ़ाई सुरक्षा

-सहजीपुर रेलवे मार्ग पर बड़े एवं भारी वाहनों पर लगी लगाम
डबली राठान. हनुमानगढ़- सूरतगढ़ रेलवे खण्ड ट्रेक के इलेक्ट्रिक होने पर कस्बे के रेलवे स्टेशन से हनुमानगढ़ की तरफ सहजीपुर मार्ग पर रेल लाइन पार करने के लिए रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाते हुए कड़े कदम उठाए हैं। ग्रामीणों ने मार्ग पर प्रस्तावित अंडर ब्रिज शीघ्र बनाने की मांग की है।रेलवे ने ट्रेक के दोनों तरफ लोहे के बड़े गाडरो के प्रवेश द्वार बना दिए हैं। जिससे बड़े व भारी वाहनों का इस मार्ग से अब नहीं गुजर सकेंगे।
-रेलवे सचेत बढाई सुरक्षा

रेलवे ट्रेक के इलेक्ट्रिक होने पर रेलवे ने सुरक्षा बढ़ा दी है। रेलवे ने लाइन के दोनों तरफ तीन लोहे के बड़े गेट लगा दिए हैं।सहजीपुर रेलवे मार्ग किलोमीटर 104/0-103/9 पर रेलवे लाइन पर दोनों तरफ लगभग 13 फुट ऊंचे लोहे गेट लगने से अब इस मार्ग से छोटे वाहन कार जीप टैक्टर-ट्रॉली , छोटे ट्रक आदि ही गुजर सकेंगे। बड़े ट्राले आदि भारी वाहनों का आवागमन अब नहीं होगा ।
-मार्ग है वर्षों पुराना , नहीं जागा रेलवे

उपतहसील मुख्यालय का सहजीपुर मार्ग वर्षों पुराना है। बताया गया है कि यह मार्ग रेलवे लाइन बिछाने से पूर्व का है। मांग के बावजूद इस मार्ग पर रेलवे द्वारा फाटक नहीं बनना इलाके का दुर्भाग्य कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा। रेलवे लाइन के उस पार सैकड़ों बीघा कृषि भूमि,चार ईंट भट्ठे एवं करनीसर सहजीपुर, फतेहगढ़ खिलेरी, गोदारा वास , श्याम सिंह वाला, सहित अन्य गांव एवं ढाणियों के लोगों का आना जाना लगा रहता है। रेलवे समय समय पर सुरक्षा को देखते हुए मार्ग पर अवरोध लगा जब इसे बाधित करता है,तो लोगों की मुश्किले बढ़ जाती है।
-ग्रामीणों ने की थी मांग

ग्रामीणों ने सम्बंधित सरपंच अमनदीप कौर चोटिया , पूर्व सरपंच का.रामेशवर वर्मा के नेतृत्व में गत दिनों रेलवे के सीआर एस एवं मंडल रेल प्रबंधक एके दूबे के रेलवे के इलेक्ट्रिक ट्रेक के निरीक्षण के दौरान यहां आगमन पर सहजीपुर मार्ग एवं कस्बे की शमशान भूमि के रेलवे लाइन के पार होने के लिए आ रही परेशानियों से अवगत करवा समस्या समाधान के लिए ज्ञापन दिया था।
-दुर्घटना एवं आंदोलनों के बाद चेता रेलवे

इस मार्ग पर दो बड़ी दुर्घटनाओं के बाद तत्कालीन सांसद का. श्योपत सिंह मक्कासर एवं तत्कालीन सरपंच का.रामेशवर वर्मा की अगुवाई में वर्ष 1998 से लेकर 2015 तक ग्रामीणों को तीन बार आंदोलन करना पड़ा तो रेलवे एवं प्रशासन चेता।मार्ग पर अण्डर ब्रिज प्रस्तावित हुआ तो कई अड़चनों के बाद जाकर स्वीकृति मिली ।
-गेंद राज्य सरकार के पाले में

रेलवे ने इस मार्ग पर प्रस्तावित अंडर ब्रिज का नक्शा एस्टिमेट आदि बनाकर सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड पीलीबंगा को भेज दिया है । पीलीबंगा खंड से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने ने इसे राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा है जो अंडर प्रोसेस है।लोक सभा के चुनावों के कारण लगी आचार संहिता के बाद ही कार्य की प्रगति होने के आसार हैं ।
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