पंचायतीराज चुनाव में सबसे अधिक मतदान हनुमानगढ़ जिले में ८९.२५ प्रतिशत रहा। इसी तरह अजमेर में ८०.०१, अलवर में ८३.७३, बांसवाड़ा में ८६.०२, बारां में ८२.५२, बाड़मेर में ७९.८५, भरतपुर में ८४.७३, भीलवाड़ा में ७८.०६, बीकानेर में ८६.६३, बूंदी में ८१.४९, चितौडग़ढ़ में ८३.६८, चूरू में ८३.६९, दौसा में ८३.३९, धौलपुर में ८२.५४, डूंगरपुर में ७९.८२, श्रीगंगानगर में ८६, जयपुर में ८५.५५, जालौर में ७५.७१, झालावाड़ में ८७.३५, जोधपुर में ८१.७६, करौली में ७९.६९, कोटा में ८१.७६, नागौर में ८०.०३, पाली में ६७.२३, प्रतापगढ़ में ८६.९७, राजसमंद में ७१.५७, सवाईमाधोपुर में ८०.९१, सीकर में ७९.३६, सिरोही में ७५.५३, टोंक में ८२.३५, उदयपुर में ७९.०२ प्रतिशत मतदान हुआ।
प्रदेश में औसत मतदान की बात करें तो ८१.५१ प्रतिशत मतदाताओं ने पहले दौर में अपने मताधिकार का उपयोग किया। पहले चरण में ९२३३८४३ मतदाता पंजीकृत थे। इसमें ७५२६०४९ मतदाताओं ने वोटिंग की। पहले चरण से उत्साहित निर्वाचन विभाग की टीम अब दूसरे चरण के मतदान की तैयारी में जुटी हुई है।
वोट की अहमियत समझते हैं
हनुमानगढ़ जिले की जनता जागरूक है। लोकतंत्र में वोट का क्या महत्व है, इसे यहां के लोग बेहतर तरीके से समझते हैं। हमने जिस तरह से मतदान को लेकर प्रचार-प्रसार किया था, उसका योगदान भी अहम रहा।
जाकिर हुसैन, जिला निर्वाचन अधिकारी, हनुमानगढ़