बड़ा प्रोजेक्ट होने के कारण कई अधिकारी व कर्मचारी की नियुक्ति हनुमानगढ़ की गई। प्रोजेक्ट के अधरझूल की स्थिति को भांपते ही कई अधिकारी व कर्मचारी यहां से धीरे-धीरे खिसक गए और कईयों की पदोन्नति होने पर यहां से चले गए। बहरहाल अब कार्यालय में अब स्टाफ की संख्या भी काफी कम हो गई है।
नहीं हो रही रिव्यु मीटिंग
मामला हाइकोर्ट में चलने के कारण अब जिला स्तर पर भी रिव्यु बैठकें नहीं होती है। नहीं तो प्रत्येक माह में जिला प्रशासन की ओर से प्रोजेक्ट की ओर से फीडबैक लेते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाता था ताकि दिक्कतों का सामना करने से पहले ही मामले को सुलझा लिया जाए। लेकिन जिला स्तर की रिव्यु मीटिंग में आरयूआईडीपी गौण हो चुकी है।
इस डूबे प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने के लिए सरकार के नुमाइंदें भी कुछ नहीं बोल रहे। सभी ने चुप्पी साध रखी है। 22 माह में केवल साढ़े छह प्रतिशत ही कार्य हो पाया है। जबकि तीस माह में यह कार्य पूरा होना था। 60 वार्डों में 522 किलोमीटर पेयजल पाइप लाइन डाली जानी चाहिए। मार्च 2019 में 04 किमी लाइन बिछाई गई थी। इन पाइपों के माध्यम से शहर के चालीस हजार घरों में पेयजल कनेक्शन किए जाने थे। खुंजा में 348 पेयजल कनेक्शन के लिए ही लाइन बिछाई गई थी। इसके बाद से एक ईंट तक नहीं लगी। घरों में जाने वाली पेयजल पाइप लाइन की सप्लाई के लिए 21 किमी की मुख्य पाइप लाइन बिछाई जानी थी। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। गौरतलब है कि आरयूआईडीपी अधिकारी व कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच तालमेल के अभाव में मामला जुलाई 2019 में हाइकोर्ट में चल रहा है। इसी क्रम में इसकी अग्रिम सुनवाई 28 जनवरी को होनी है। आरयूआईडीपी कंपनी को टर्मिनेट कर करीब 40 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त करना चाहती थी। आरयूआईडीपी के पास एक बैंक गारंटी 28 करोड़ रुपए व दूसरी बैंक गारंटी 12 करोड़ रुपए की जमा है। इसी को लेकर विवाद हो गया।
टाउन इलाके में मेगा हाइवे पर भारत माता चौक से भटनेर दुर्ग तक 1200 मीटर में सीवरेज लाइन डालने का कार्य कई वर्षों से लंबित है। कई जगह मिसिंग लिंक का कार्य भी अधूरा पड़ा है। ऐसे में अब टाउन में सीवरेज लाइन का कार्य पूरा नहीं होगा। इसी सीवरेज लाइन को चलाने के लिए नगर परिषद टाउन-जंक्शन मार्ग पर एसटीपी के निर्माण पर दस करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। लेकिन अब टाउन में सीवरेज कार्य नहीं होगा।
नंबर नहीं आने पर मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई। हाइकोर्ट में अग्रिम सुनवाई 28 जनवरी को होगी। इसके बाद ही प्रोजेक्ट को लेकर निर्णय हो पाएगा।
राजेंद्र स्वामी, अधिशासी अभियंता, आरयूआईडीपी