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रामभरोसे पीलीबंगा का राजकीय चिकित्सालय

locationहनुमानगढ़Published: Aug 12, 2019 11:48:02 am

Submitted by:

Manoj

– विधायक के विधानसभा में मुद्दा उठाने व नागरिकों के रोष के बाद भी नहीं हुई नियुक्ति
– पीलीबंगा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों का अभाव

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पीलीबंगा. विधायक धर्मेन्द्र मोची द्वारा स्थानीय राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सकों के रिक्त पदों को नहीं भरने से रोगियों को हो रही परेशानी को लेकर विधानसभा में मु़द्दा उठाए जाने के बावजूद अभी तक राजकीय चिकित्सालय में रिक्त पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई। इसके अलावा लखासर की एक महिला की प्रसूति के दौरान नवजात बालिका की मौत को लेकर नागरिकों द्वारा रोष प्रदर्शन का भी कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में राजकीय चिकित्सालय में मात्र एक चिकित्सक के भरोसे चिकित्सालय संचालित हो रहा है। डॉ मनोज अरोड़ा मेडिकल अवकाश पर हैं। एक अन्य चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर है। शेष कोई स्थायी चिकित्सक नहीं होने से रोगियों को इधर उधर भटकना पड़ता है।
राजकीय चिकित्सालय में प्रतिदिन करीब 500 ओपीडी है लेकिन पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने से रोगियों को मजबूरन प्राईवेट चिकित्सकों के पास इलाज के लिए जाना पड़ता है।हाल ही में राज्य में करीब 75 चिकित्सकों के तबादले हुए लेकिन स्थानीय राजकीय चिकित्सालय में किसी भी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई। चिकित्सालय में चिकित्सों को आठ पदों में से सात पद रिक्त पड़े हैं।
चिकित्सालय में शौचालय भी बदहाल स्थिति में है। शौचालय नीचे होने व नाली का लेबल ऊंचा होने से ये काम नहीं कर रहे। शौचालय में गंदगी का आलम बना रहता है। इससे चिकित्सालय में अच्छे स्वास्थ्य की कामना को लेकर भर्ती रोगियों को प्रदूषित वातावरण का सामना करना पड़ता है। इससे वे और अधिक बीमार हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सालय में शौचालयों की हालत सुधार के लिए करीब 12 लाख रूपये स्वीकृत हुए हैं। इसके लिए तकनीकी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर निर्माण कार्य शुरू किया जाना प्रस्तावित है। वार्डो में भी वॉशबेसिन आदि की हालत अच्छी नहीं है। (पसं)
३९ दिन बाद शल्य चिकित्सक का तबादला

दशक बाद खुले ऑपरेशन थियेटर के दरवाजे फिर हो जाएंगे बंद
नोहर. एक दशक बाद खुला राजकीय चिकित्सालय का ऑपरेशन थियेटर एक बार फिर बंद होने जा रहा है। करीब दस साल बाद स्थानीय राजकीय चिकित्सालय को सर्जन के रूप में मिले चिकित्सा अधिकारी डॉ. जसंवत मीणा का मात्र ३९ दिनों के बाद ही स्थानांतरण जिला चिकित्सालय कर दिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत राजकीय चिकित्सालय के लिए यह किसी वज्रपात से कम नहीं है।
डॉ. जसवंत मीणा के स्थानांतरण के साथ ही एक बार फिर से राजकीय चिकित्सालय में जनरल सर्जरी बंद हो जाएगी। सर्जन की नियुक्ती पर नागरिक संगठनों ने खुशी भी मनाई थी। मगर यह खुशी %
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