जनरल वार्ड के शौचालय गंदे एवं बदबूदार पाये गये। निरीक्षण के दौरान प्रसूता वार्डों का निरीक्षण किया गया जो कि सही स्थिति में एवं वातानुकूलित पाया गया। इसके अलावा पीने के पानी का निरीक्षण किया गया तो दो वाटर कूलर गंदे पाए गए। इसके अलावा महिलाओं को दी जाने वाली योजना के लाभ के विवरण का मूल्यांकन करने पर पाया कि जिन प्रसूताओं की एन्ट्री रजिस्टर में थी उनके मोबाईल नम्बर रजिस्टर में दर्ज नहीं थे तथा कुछ योजनाओं के बिल का भुगतान किए जाने के आदेश भी कर दिये गये थे।
बंद मिला स्वास्थ्य केन्द्र
न्यायाधीशों ने इसके अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केन्द्र, 4 सीवाईएम का निरीक्षण प्रात: 10:20 बजे किया तो स्वास्थ्य केन्द्र मौका पर बंद मिला तथा आधा घंटा इंतजार करने पर भी उप स्वास्थ्य केंद्र का कोई भी जिम्मेवार व्यक्ति नहीं आया। इस पर दोनों न्यायाधीश शाम सवा पांच बजे पुन: उपस्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करने पहुंचे तो ए.एन.एम. मन्जू उपस्थित मिली। उपस्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी लेबर रूम नहीं था।
गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी वहां नहीं करवाई जा रही थी। गर्भवती महिलाओं हेतु आपातकालीन कोई भी सुविधा स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं थी। गर्भवती महिलाओं को सीधे ही रावतसर सी.एच.सी. भेज दिया जाता था। गर्भवती महिलाओं के लिए कोई भी स्कीम उपस्वास्थ्य केन्द्र द्वारा संचालित नहीं की जा रही थी।
दोनों न्यायाधीशों ने नोहर के उपकारागृह का भी निरीक्षण किया एवं शिविर का आयोजन भी किया। इस दौरान उन्होंने बंदियों को उनके अधिकारों, मूलभूत कर्तव्र्यों, नि:शुल्क विधिक सहायता आदि के बारे में बताया। दोनों न्यायाधीशों की निरीक्षण से संबंधित यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश होगी।