वर्तमान में डेयरी की ओर से २८ से ४१ रुपए प्रति लीटर फैट के हिसाब से दूध खरीद की जा रही है। जबकि डेयरी की ओर से बाजार में विक्रय किए जाने वाले दूध के रेट ३८ से ५४ रुपए प्रति लीटर हैं। अभी प्रतिदिन के हिसाब से एक लाख ६० हजार लीटर दूध संग्रहण का कार्य डेयरी की ओर से किया जा रहा है। इसके अनुपात में तय रेट के हिसाब से भुगतान भी किया जा रहा है। इससे काफी हद तक पशुपालकों को राहत भी मिल रही है। लेकिन बढ़ रही महंगाई के बीच पशु पालकों की मांग है कि डेयरी प्रबंधन मुनाफे के हिसाब से दूध के खरीद रेट में दो रुपए की बढ़ोतरी करे। पशुपालकों की इस मांग को डेयरी संचालन मंडल का समर्थन भी प्राप्त है। अब प्रबंधन स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद ही रेट बढ़ाने को लेकर कोई बात बनेगी। गत पखवाड़े में हुई संचालन मंडल की बैठक में कुछ सदस्यों ने दूध के रेट बढ़ाने की मांग को लेकर काफी हंगामा भी किया था। इसमें डेयरी प्रबंधन पर रेट नहीं बढ़ाने के आरोप भी मंढ़े थे।
२१ जनवरी २०२२ से डेयरी प्रबंधन की ओर से दूध के खरीद रेट में एक रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ोतरी करने के निर्णय को लागू करने के बाद डेयरी पर पचास लाख रुपए का भार पडऩे की बात अधिकारी कह रहे हैं। यदि दो रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीद रेट में बढ़ोतरी की जाती है तो यह राशि एक करोड़ हो जाएगी। अभी प्रतिदिन एक लाख ६० हजार लीटर दूध की खरीद करने से कुछ दूध का पाउडर भी डेयरी प्रबंधन बना रहा है। संचालन मंडल सदस्यों की मांग है कि महंगाई बढऩे की वजह से खरीद रेट में दो रुपए बढ़ोतरी करने की जरूरत है। इस पर प्रबंधन को विचार करने की जरूरत है।
वर्ष २०१६-१७ में हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी का लाभांश २०९.४१ लाख रुपए था। पशुपालकों व डेयरी प्रबंधन की मेहनत के बूते वर्ष २०१७-१८ में डेयरी का लाभांश बढ़कर २१५.७५ लाख रुपए हो गया। इसी तरह वर्ष २०१८-१९ में डेयरी का लाभांश ३०५.७३ लाख व वर्ष २०१९-२० में हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी का लाभांश ३२१.५२ लाख रुपए हो गया है।
बीते दिनों हुई संचालन मंडल की बैठक में सदस्यों ने दो रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध के खरीद रेट बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसका प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भिजवा दिया गया है। इससे पूर्व में एक रुपए रेट बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव भिजवाया गया था। इस पर मंजूरी मिल गई है। इसे २१ जनवरी से लागू कर दिया गया है। मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद आगे की स्थिति साफ हो सकेगी।
-पीके गोयल, एमडी, गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़