गला काट खा रही थी भु_ा
पति व दो बच्चों का गला काटकर रीमा यादव प्रेमी सुनील यादव के साथ फरार हो गई थी। मगर जंक्शन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर दोनों को हरियाणा के अबूबशहर स्थित बस स्टैंड से दबोच लिया था। बच्चों व पति का कत्ल कर रीमा यादव बस स्टैंड पर बैठ कर मजे से भु_ा खा रही थी। उनके पास थैले में दूध की थैली, कोल्ड डिं्रक वगैरह भी मिले। जब पुलिस कर्मियों ने पति व बच्चों की हत्या के संबंध में पूछा तो संवेदनहीन तरीके से कहा कि मेरे बच्चे तो घर में सो रहे हैं। जब दोनों को थाने लाकर पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो सब उगल दिया।
6 कत्ल की थी साजिश
पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकारा कि रीमा के साथ-साथ सुनील यादव भी अपनी पत्नी व बच्चों को रास्ते से हटाना चाहता था। लेकिन नीलम की सजगता के चलते उसकी व दोनों बच्चों की जान बच गई। सुनील यादव 29 जुलाई की रात अपनी पत्नी नीलम यादव व पुत्र सौरभ तथा पुत्री मानसी को लेकर शंभूशरण के घर गया। पत्नी को बताया कि रीमा के घर भोजन का निमंत्रण है। वहां सुनील यादव ने बच्चों को नशे की गोलियां खिलाने का प्रयास किया। इससे नीलम यादव को साजिश का संदेह हुआ। उसने पति से इसका कारण पूछा तो दोनों में झगड़ा हो गया। बहसबाजी के बाद वह अपने दोनों बच्चों को लेकर रीको स्थित घर लौट गई। इससे नीलम व उसके दोनों बच्चों की तो जान बच गई। मगर बदकिस्मत दीपक व ज्योति के साथ ऐसा ना हुआ। उनकी रक्षा करने वाला कोई नहीं था। उनकी मां तो हत्या की साजिश में शामिल थी। और पिता को पहले ही मार दिया गया था।
पत्नी ने खोला राज
दोषी सुनील यादव की पत्नी नीलम यादव 29 जुलाई की रात घर लौट आई। मगर जब 30 की सुबह तक सुनील यादव घर नहीं आया तो उसने ससुर अशरफी यादव को पूरी घटना बताई। इसके बाद शनिवार सुबह अशरफी यादव अपने पुत्र व अन्य को लेकर हाऊसिंग बोर्ड स्थित शंभूशरण यादव के घर पहुंचा। वहां ज्योति व दीपक के शव देखकर उनके होश उड़ गए। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को मोर्चरी पहुंचाया। इस दौरान घर से भयंकर बदबू आ रही थी। ऐसे में पुलिस को संदेह हुआ। जब कमरे में रखे संदूक को खोला तो उसमें शंभूशरण का शव मिला।
भगाकर लाया, उसी ने मारा
शंभूशरण यादव मूलत: बिहार के सीतामढ़ी जिले के शिवहर इलाके का रहने वाला था। उसकी पहली पत्नी की कई बरस पहले मौत हो चुकी थी। उससे दो बच्चे हैं जो बिहार स्थित पैतृक गांव में रहते हैं। जब वह हनुमानगढ़ आया तो अपने साथ रीमा को भगाकर लाया था। बाद में उससे विवाह किया। दोनों बच्चे रीमा की ही संतान थे। उसने ही आखिरकार शंभूशरण की हत्या की।
करना होगा मंथन
शादीशुदा महिला-पुरुषों के अवैध संबंधों का असर केवल उनके जीवन पर ही नहीं बल्कि कई और जिंदगियों पर भी पड़ता है। विशेषकर ऐसे मामलों में सबसे अधिक पीड़ा भोगते हैं बच्चे। अगर नाजायज संबंध या अनबन के चलते माता-पिता में किसी की हत्या हो जाए तो बच्चे पूर्णत: बेसहारा हो जाते हैं। क्योंकि एक वारदात का शिकार हो जाता है तो दूसरा अपराध के चलते जेल चला जाता है। इससे भी खतरनाक स्थिति वह है जब बच्चे ही वारदात का शिकार हो जान गंवा देते हैं। संस्कार, नैतिकता और शर्म त्याग कर स्वछंदता बरतनी शुरू करेंगे तो उनका यही परिणाम होगा। इस पर विचार कर समाधान का प्रयास करना होगा। इसमें समाज व परिवार नामक संस्था को महती भूमिका निभाने की जरूरत है। – रिछपालसिंह चहल, अपर लोक अभियोजक प्रथम।