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केन्द्र के एक मंत्रालय ने स्वीकृत किए 50 करोड़ तो दूसरे मंत्रालय की लेटलतीफी से नामंजूर हो सकता है बजट

locationहनुमानगढ़Published: Oct 08, 2021 08:56:16 pm

Submitted by:

Manoj

नियमों और विभागीय औपचारिकताओं में अटक सकता है रेलवे ओवरब्रिज
सीआरआईएफ में बजट स्वीकृत लेकिन कार्य शुरू होने के लिए हरी झंडी का इंतजार

केन्द्र के एक मंत्रालय ने स्वीकृत किए 50 करोड़ तो दूसरे मंत्रालय की लेटलतीफी से नामंजूर हो सकता है बजट

केन्द्र के एक मंत्रालय ने स्वीकृत किए 50 करोड़ तो दूसरे मंत्रालय की लेटलतीफी से नामंजूर हो सकता है बजट

मनोज कुमार गोयल
हनुमानगढ़. आमजन को राहत देने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन मार्ग पर पीलीबंगा के पास गांव अहमदपुरा में हनुमानगढ़-सूरतगढ़ रेलखण्ड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग (संख्या एसपीएल-85) पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है लेकिन केन्द्र सरकार के ही दूसरे मंत्रालय भारतीय रेलवे के एनडब्ल्यूआर (उत्तर पश्चित रेलवे जोन, जयपुर) की लेटलतीफी के चलते यह बजट नामंजूर हो सकता है। जिसका नतीजा यह होगा कि फोरलेन पर वर्षों के इंतजार के बाद स्वीकृत ओवरब्रिज का निर्माण खटाई में पड़ सकता है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-2022 में सैन्ट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) के तहत हनुमानगढ़ जिले की सर्वोच्च प्राथमिक कार्ययोजना के तहत हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन मार्ग के अहमदपुरा गांव के पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए फंड स्वीकृत किया है। राज्य का सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) यह ओवरब्रिज बनवाएगा।
चूंकि यह आरओबी रेलवे क्रॉसिंग पर बनना है। इसके लिए रेलवे की स्वीकृति जरूरी है। राज्य के पीडब्ल्यूडी ने करीब दो वर्ष से रेलवे से पत्र व्यवहार आरंभ कर रखा है लेकिन रेलवे ने अभी तक इसकी जीएडी (जनरल अर्जेमेंट ड्राइव) जारी नहीं की है। ओवरब्रिज बनने से रेलवे को भी भारी लाभ होगा। ऐसे में पीडब्ल्यूडी की मंशा आरओबी को रेलवे के साथ 50-50 प्रतिशत हिस्सा राशि में बनाने की है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। बताया जा रहा है कि रेलवे ने मौखिक सहमति तो दे दी है लेकिन जीएडी स्वीकृति अभी बाकि है। पीडब्ल्यूडी सूत्रों के अनुसार मोर्थ के नियमानुसार सीआरआईएफ के तहत स्वीकृत राशि का संबंधित वित्तीय वर्ष में निविदा प्रक्रिया होनी जरूरी है, अन्यथा स्वीकृत बजट निरस्त हो जाता है। ऐसे में यदि इस वित्तीय वर्ष में रेलवे ने स्वीकृति नहीं दी और निविदा प्रक्रिया नहीं हुई तो रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अटक सकता है।
क्यों नामंजूर हो सकता है बजट
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) की ओर से सैन्ट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) के तहत सांसदों की अनुशंसा पर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में अति आवश्यकता अथवा प्राथमिकता वाले कार्यों की स्वीकृति जारी की जाती है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन मार्ग के रेलवे क्रॉसिंग (संख्या एसपीएल-८५) के लिए 50 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति की गई। सीआरआईएफ की गाइड लाइन के अनुसार स्वीकृत राशि से मंजूर हुए कार्य की निविदा प्रक्रिया उसी वित्तीय वर्ष में होनी चाहिए, अन्यथा अगले वित्तीय वर्ष में यह राशि नामंजूर हो जाती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के छह माह बीत गए हैं और अभी तक संबंधित प्रोजेक्ट को लेकर धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ है। अभी पीडब्ल्यूडी और रेलवे महज वार्ता प्रक्रिया में लगे हुए हैं। पीडब्ल्यूडी अभियंताओं का कहना है कि यदि रेलवे का रवैया ऐसा ही रहा तो वित्तीय वर्ष के शेष छह माह भी व्यर्थ ही बीत सकते हैं। रेलवे यदि एक से दो माह में जीएडी जारी करेगा तो ही अगले दो से तीन माह में निविदा प्रक्रिया हो पाएगी।
सर्वाधिक टीवीयू का रेलवे क्रॉसिंग
हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन मार्ग पर दो रेलवे क्रॉसिंग हैं। पहला रेलवे क्रॉसिंग (संख्या एसपीएल-85) गांव अहमदपुरा के पास है और दूसरा रेलवे क्रॉसिंग (संख्या एसपीएल-91) गांव रंगमहल के पास स्थित है। यह दोनों ही ए श्रेणी के रेलवे क्रॉसिंग हैं। इनका टीवीयू (ट्रेन व्हीकल यूनिट) 4 लाख 27 हजार प्रतिदिन है। रेलवे के नियमानुसार यह टीवीयू सर्वाधिक श्रेणी का है। रेलवे नियमानुसार एक लाख से अधिक टीवीयू वाले रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे संबंधित राज्य सरकार से मिल कर आधी-आधी राशि वहन कर ओवरब्रिज (आरओबी) अथवा अण्डरब्रिज (आरयूबी) बनाता है। रेलवे एक लाख से तीन लाख टीवीयू वाले मार्ग पर टू लेन ओवरब्रिज अथवा आरयूबी बनाता है और तीन लाख से अधिक वाले मार्ग पर फोरलेन ओवरब्रिज अथवा आरयूबी बनाता है। हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग के दोनों रेलवे क्रॉसिंग ४.२७ लाख- ४.२७ लाख टीवीयू के हैं।
जनता टोल क्यों दे…?
&हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन मार्ग पर जनता दस साल से टोल अदा कर रही है। सड़क की दुर्दशा किसी से छिपी हुई नहीं है। ऊपर से दो-दो रेलवे क्रॉसिंग हैं, जो प्रतिदिन घंटों बंद रहते हैं। ऐसे में इन पर तत्काल ओवरब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को तत्परता से कार्य करना चाहिए। वरना जनता टोल क्यों दे, जब समस्याएं यथावत हैं।
– प्यारे लाल बंसल, अध्यक्ष, व्यापार मंडल, हनुमानगढ़ जंक्शन
जल्द बनवाएंगे ओवरब्रिज
& केन्द्र सरकार ने बजट स्वीकृत कर दिया है। किसी तरह की कोई बाधा नहीं है। कोई तकनीकी समस्या है तो उसे भी जल्द दूर करवाएंगे। आरओबी बनेगा। बजट निरस्त होने की कोई समस्या नहीं है। यदि निरस्त होगा भी तो फिर मंजूर करवा देंगे।
– निहालचंद मेघवाल, सांसद, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़
ट्यूर पर हूं, दिखवा लेते हैं
&फिलहाल मैं ट्यूर पर हूं। इसलिए कुछ नहीं कह सकता हूं। ट्यूर से आने के बाद चैक कर लेंगे और फिर संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे।
– डीआर मेघवाल, मुख्य अभियंता, आरओबी, पीडब्ल्यूडी।
प्रकरण चैक करवा लेते हैं
& अभी मैं एक जरूरी मीटिंग में हूं। प्रकरण ध्यान में नहीं है। चैक करवा लेंगे, यदि हमारे कार्यक्षेत्र का है तो जरूर समाधान करेंगे।
– दिनेश देशवाल, मुख्य अभियंता, एनडल्यूआर, रेलवे।
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