सुबह उठते ही जगदीश दिनोदिया गांव में लगाए अपने पौधों को देखने पहुंचते है और फिर पौधों में आवश्यक पानी डालते और उनकी संभाल करते है। वे पिछले 16 सालों से इस काम में जुटे है। उन्होंने गांव के खाली पड़े सार्वजनिक स्थानों पर भरपूर पौधे लगाए और उन पौधों लगाने के बाद उसकी सार संभाल कर उसे पेड़ बनाया। तो वहीं गांव में उनके द्वारा लगाए गए हजारों पौधे आज वृक्ष बनकर ग्रामीणों को छाया दे रहे है। अपने इन्हीं सराहनीय कामों के कारण गांव मिर्जावाली मेर में वो वृक्षमित्र के रूप में पहचाने जाते है। औसत आय के किसान होने के बाबजूद दिनोदिया ने बिना किसी की आर्थिक मदद से स्वयं के खर्चे पर गांव में पौधे लगाए।
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तो वहीं उनका कहना है कि बचपन से ही उनको वृक्षारोपण से लगाव रहा है। और जब उनके लगाए पौधे बड़े होते है तो उन्हें काफी खुशी होती है। पौधारोपण के लिए वे निरंतर प्रयासरत है, साथ ही आगे भी यह कार्य करते रहेंगे। दिनोदिया को पौधारोपण में उनके परिवार के सदस्य भी मदद करते है। उनके दोनों बेटे और एक बेटी के साथ उनकी पत्नी भी उनके इस कार्य में सहयोग कर रहे है। ग्रामीणों की मानें तो गांव के सरकारी स्कूल, सड़क किनारे, गुवाड, जोहड किनारे सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जो पेड लगे दिख रहे हैं।उनमें से अधिकतर जगदीश दिनोदिया की ही देन है। यह भी पढ़ें