इस संबंध में न्यू डवलपमेंट बैंक के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण में इंदिरागांधी मुख्य नहर की ६८ किलोमीटर क्षेत्र में रीलाइनिंग करवाया जाएगा। गत वर्ष की भांति इस बार ७० दिन की बंदी प्रस्तावित है। वहीं प्रथम फेज में रीलाइनिंग कार्य पूर्ण होने पर संबंधित क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करने व उनकी आय बढ़ाने को लेकर भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसमें खेती कार्य में किसान कौन से बीज की वैरायटी का उपयोग करें, किस तरह उपलब्ध सिंचाई पानी का ड्रिप इरीगेशन के जरिए उपयोग करें आदि के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्थानीय कृषि विभाग की टीम के अलावा कृषि विश्वविद्यालय की टीम का सहयोग भी लिया जाएगा।
इंदिरागांधी नहर प्रथम फेज का कमांड रकबा पांच लाख आठ हजार हैक्टेयर है। द्वितीय फेज का कमांड रकबा ग्यारह लाख नौ हजार हैक्टैयर है। इस तरह इंदिरागांधी नहर का प्रथम व द्वितीय फेज का कुल रकबा सोलह लाख १७ हजार हैक्ैटेयर है। इस नहर से दस जिलों को पानी मिलता है।
-राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-इस नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, चूरू व नागौर सहित प्रदेश के १० जिलों की प्यास बुझ रही है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
-11 अक्टूबर 1961 में राजस्थान में पहली बार इंदिरागांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।
करवाएंगे रीलाइनिंग कार्य
आगामी नहरबंदी अवधि में सेकेंड फेज में करीब ११३३ करोड़ की लागत से इंदिरागांधी मुख्य नहर के ६८ किमी में रीलाइनिंग कार्य करवाने की तैयारी है। इसे लेकर वर्तमान में एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। गत वर्ष की तरह आगामी वर्ष में भी ७० दिन की बंदी प्रस्तावित है। इसमें चालीस दिन पेयजल चलाकर तीस दिन पूर्ण बंदी लेने का विचार चल रहा है।
-हेमंत चौरसिया, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़