कार हड़पने के मामले में पूर्व विधायक परम जमानती वारंट से तलब
हनुमानगढ़Published: May 14, 2019 09:45:30 pm
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कार हड़पने के मामले में पूर्व विधायक परम जमानती वारंट से तलब
कार हड़पने के मामले में पूर्व विधायक परम जमानती वारंट से तलब
– पूर्व विधायक व उसके भाई को प्रथमदृष्टया आईपीसी की धारा 406 के अपराध का माना दोषी
– कोर्ट ने एफआर अस्वीकार कर दोनों के खिलाफ लिया प्रसंज्ञान
….. प्लस लोगो कोर्ट
हनुमानगढ़. पूर्व विधायक डॉ. परम नवदीप के खिलाफ वर्ष 2014 में दर्ज कार हड़पने के मामले में पुलिस की ओर से लगाई एफआर को न्यायालय ने नामंजूर कर दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हनुमानगढ़ ने पूर्व विधायक डॉ. परम नवदीप व उसके भाई डॉ. मुखत्यार सिंह को आईपीसी की धारा 406 का अपराध घटित करने का दोषी मानते हुए प्रसंज्ञान लिया है। दोनों को 24 जून को जमानती वारंट से तलब किया गया है। न्यायालय ने अभियोजन अधिकारी को इस प्रकरण में पैरवी करने की हिदायत देते हुए पन्द्रह दिन में गवाहों की सूची प्रस्तुत करने को कहा है।
मामले के अनुसार जोड़कियां निवासी हरमंद्र सिंह पुत्र प्रसन्नसिंह जटसिख ने 17 जनवरी 2014 में इस्तगासे के जरिए जंक्शन थाने में मामला दर्ज कराया कि उसने 17 सितम्बर 2008 को फोर्ड एंडेवर कार आरजे 31 यूए 0707 खरीदी थी। 20 सितम्बर 2008 को उसके घर पर समारोह था। इसमें भाग लेने के लिए डॉ. परम पत्नी नवदीप सिंह जटसिख निवासी जयपुर हाल बशीर के पास ढाणी, तहसील संगरिया आई हुई थी। उसने यह कहकर कार मांगी कि वह एमएलए का चुनाव लड़ रही है। उसे गाडिय़ों की जरूरत है। कुछ दिनों के लिए आपकी गाड़ी दे दो। उसी दिन उसे कार दे दी। चुनाव जीतने के बाद जब उसने कार मांगी तो विधायक बन चुकी डॉ. परम नवदीप ने उसे देने से मना कर दिया। जबकि कार उसके नाम पर है और उसकी किस्त भी वह जमा करवा रहा था। पुलिस ने पूर्व विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 484, 486 व 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस ने लगाई एफआर
जांच के बाद पुलिस ने एफआर लगा दी। इस पर हरमंद्रसिंह ने न्यायालय में एफआर को चुनौती देते हुए प्रोटेस्ट पीटीशन पेश की। अनुसंधान अधिकारी ने प्रथमदृष्टया जांच में माना कि उक्त कार डॉ. मुखत्यार सिंह के पास है। डॉ. परम नवदीप ने वापस मांगे जाने पर यह कार हरमंद्र सिंह को नहीं लौटाई तथा अपने भाई डॉ. मुखत्यार सिंह के सुपुर्द कर दी। हरमंद्र सिंह की सम्पति का दुविर्नियोग किया। उक्त कार अब डॉ. मुखत्यार सिंह के कब्जे में है और वह उपयोग में ले रहा है। इस पर सीजेएम ने डॉ. परम नवदीप व डॉ. मुखत्यार सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 के अपराध का प्रसंज्ञान लिया है। वहीं इस प्रकरण में अन्य आरोपी अनिल कुमार व अजय सक्सेना के खिलाफ 406 आईपीसी का अपराध प्रथम दृष्टया साबित नहीं हो पाया।