ऋण माफी से वंचित रहे किसानों का आधार प्रमाणन करने के बाद एक शपथ पत्र तैयार किया जाएगा। जिसमें कर्ज का विवरण भी होगा। इसकी सूची तैयार कर ग्राम सेवा सहकारी समिति स्तर व पंचायत मुख्यालय पर चस्पा की जाएगी। साथ ही किसान ने कितना ऋण ले रखा है, इसका विवरण भी इसमें दर्ज होगा। विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी किसान कर्जमाफी से वंचित नहीं रहे। इसी कड़ी में अब इस तरह की पहल की गई है।
नई सरकार बनने पर फरवरी २०१९ में राज्य में शुरू की गई कर्जमाफी योजना के तहत हनुमानगढ़ में ८७९०० किसानों का ३३८ करोड़ का फसली ऋण माफ किया गया। जबकि करीब सात सौ किसानों के आधार प्रमाणन नहीं होने के कारण इनकी कर्जमाफी नहीं हो सकी थी। वंचित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए अब सरकार ने नियमों में छूट देते हुए अफसरों की जिम्मेदारी तय की है।
-हनुमानगढ़ जिले में वर्ष २०१९ में ८७९०० किसानों का ३३८ करोड़ का फसली ऋण माफ किया गया।
-केंद्रीय सहकारी बैंक से करीब एक लाख किसान जुड़े हुए हैं।
– जिले में २१५ ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से बैंक कारोबार कर रहा है।
-हनुमानगढ़ में आधार प्रमाणन नहीं होने के कारण करीब सात सौ किसान कर्जमाफी से वंचित हैं।
सूची कर रहे तैयार
कर्जमाफी से वंचित किसानों की सूची तथा उनके जीवितता का प्रमाण पत्र संलग्न करने के साथ ही उनकी दो आईडी के साथ रिपोर्ट तैयार करने के लिए उच्च स्तर से निर्देशित किया गया है। सरकार का प्रयास है कि सभी वंचित किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया जाए। आधार प्रमाणन के अभाव में पहले इन किसानों की कर्जमाफी नहीं पाई थी। लेकिन सरकार स्तर पर अब नियमों में ढील देेने के कारण इन किसानों की कर्जमाफी होने की उम्मीद जगी है।
अमीलाल सहारण, उप रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग हनुमानगढ़