भाखड़ा बांध में नौ जून २०२१ को २३४३१ क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। जबकि १५ जून को इसमें आवक की मात्रा ३३४८३ क्यूसेक हो गई। इसी तरह पौंग बांध में नौ जून को पानी की आवक २७५४ क्यूसेक हो रही थी। वहीं १५ जून को इस बांध में आवक की मात्रा बढ़कर ८८०७ क्यूसेक हो गई। रणजीत सागर बांध में भी आवक की स्थिति लगातार सुधर रही है। इंदिरागांधी नहर से राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, नागौर सहित दस जिलों को जलापूर्ति होती है।
अकेले भाखड़ा बांध की बात करें तो पिछले एक सप्ताह में इसका जल स्तर ग्यारह फीट तक बढ़ गया है। नौ जून २०२१ को इसका जल स्तर १५०८ फीट था। जबकि पंद्रह जून को इसका जल स्तर १५१९ फीट के करीब हो गया। पौंग बांध में आवक की तुलना में निकासी अधिक होने से इसके जल स्तर में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर हिमाचल प्रदेश के विलासपुर जिले में बना हुआ है। इस बांध का निर्माण १९४८-६३ के बीच पूर्ण हुआ। इस बांध की नदी तल से ऊंचाई ५५० मीटर है। इस बांध की पूर्ण भराव क्षमता १६८० फीट है। पौंग बांध व्यास नदी पर बना हुआ है। इस बांध का निर्माण वर्ष १९७४ में पूर्ण हुआ। इस बांध की पूर्ण भराव क्षमता १३९० फीट है। रणजीत सागर बांध का निर्माण वर्ष २००२ में पूर्ण हुआ। यह रावी नदी पर बना हुआ है। इस बांध से विद्युत उत्पादन के बाद पानी माधोपुर हैड वक्र्स पर आता है। यहां से माधोपुर व्यास लिंक के माध्यम से इस व्यास नदी में डायवर्ट किया जाता है।