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पौंग व भाखड़ा बांधों में आवक बढ़ी, राजस्थान को राहत मिलने के आसार

locationहनुमानगढ़Published: Jun 17, 2021 08:47:31 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात का दौर शुरू हो गया है। इससे पौंग, भाखड़ा व रणजीत सागर तीनों बांधों में पानी की आवक बढऩे लगी है। रीत रहे बांधों में पानी की आवक बढऩे से राजस्थान को भी राहत मिलने के आसार हैं।
 

पौंग व भाखड़ा बांधों में आवक बढ़ी, राजस्थान को राहत मिलने के आसार

पौंग व भाखड़ा बांधों में आवक बढ़ी, राजस्थान को राहत मिलने के आसार

पौंग व भाखड़ा बांधों में आवक बढ़ी, राजस्थान को राहत मिलने के आसार
-जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय स्तर पर बीबीएमबी चेयरमैन से पत्राचार कर शेयर की समीक्षा करने का प्रयास
-21 जून से इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी मिलने की संभावना, इस नहर से प्रदेश के दस जिलों को जलापूर्ति
हनुमानगढ़. बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात का दौर शुरू हो गया है। इससे पौंग, भाखड़ा व रणजीत सागर तीनों बांधों में पानी की आवक बढऩे लगी है। रीत रहे बांधों में पानी की आवक बढऩे से राजस्थान को भी राहत मिलने के आसार हैं। पिछले सप्ताह से लगातार आवक बढऩे के बाद इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी चलाने को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर प्रयास में जुट गए हैं। इससे उम्मीद कर सकते हैं कि 21 जून से इस नहर में भी सिंचाई पानी चल सकता है। शेयर की समीक्षा को लेकर बीस जून को भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक भी हो सकती है। जानकारी के अुनसार जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग कार्यालय स्तर पर बीबीएमबी चैयरमेन से सिंचाई पानी को लेकर पत्राचार किया जा रहा है।
इसमें स्थानीय अधिकारियों ने बांधों में हो रही आवक के आधार पर बीबीएमबी चैयरमेन से राजस्थान के शेयर की समीक्षा करने की मांग की है। ताकि इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी चलाया जा सके। वर्तमान में इंदिरागांधी नहर में पेयजल के लिए ४००० क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है। यदि इसमें सिंचाई पानी चलाया जाता है और नहरों को तीन में एक समूह में चलाया जाता है तो इसके लिए राजस्थान को इस नहर के लिए करीब ७७०० क्यूसेक पानी की आवश्यकता पड़ेगी। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता कार्यालय से इस संबंध में बीबीएमबी चैयरमेन से पत्राचार किया जा रहा है। दो-तीन दिन में बादल और बरसते हैं तो निश्चित ही बांधों में अपेक्षित पानी की आवक होगी। पौंग बांध में भंडारित पानी में सर्वाधिक करीब पचास प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का निर्धारित है। इस बांध में आवक तेज होने पर इसका सीधा लाभ राजस्थान के दस जिलों को होगा।
आवक पर नजर
भाखड़ा बांध में नौ जून २०२१ को २३४३१ क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। जबकि १५ जून को इसमें आवक की मात्रा ३३४८३ क्यूसेक हो गई। इसी तरह पौंग बांध में नौ जून को पानी की आवक २७५४ क्यूसेक हो रही थी। वहीं १५ जून को इस बांध में आवक की मात्रा बढ़कर ८८०७ क्यूसेक हो गई। रणजीत सागर बांध में भी आवक की स्थिति लगातार सुधर रही है। इंदिरागांधी नहर से राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, नागौर सहित दस जिलों को जलापूर्ति होती है।
ग्यारह फीट बढ़ा लेवल
अकेले भाखड़ा बांध की बात करें तो पिछले एक सप्ताह में इसका जल स्तर ग्यारह फीट तक बढ़ गया है। नौ जून २०२१ को इसका जल स्तर १५०८ फीट था। जबकि पंद्रह जून को इसका जल स्तर १५१९ फीट के करीब हो गया। पौंग बांध में आवक की तुलना में निकासी अधिक होने से इसके जल स्तर में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
बांधों की यह है भराव क्षमता
भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर हिमाचल प्रदेश के विलासपुर जिले में बना हुआ है। इस बांध का निर्माण १९४८-६३ के बीच पूर्ण हुआ। इस बांध की नदी तल से ऊंचाई ५५० मीटर है। इस बांध की पूर्ण भराव क्षमता १६८० फीट है। पौंग बांध व्यास नदी पर बना हुआ है। इस बांध का निर्माण वर्ष १९७४ में पूर्ण हुआ। इस बांध की पूर्ण भराव क्षमता १३९० फीट है। रणजीत सागर बांध का निर्माण वर्ष २००२ में पूर्ण हुआ। यह रावी नदी पर बना हुआ है। इस बांध से विद्युत उत्पादन के बाद पानी माधोपुर हैड वक्र्स पर आता है। यहां से माधोपुर व्यास लिंक के माध्यम से इस व्यास नदी में डायवर्ट किया जाता है।
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