बंकरों में छिपे भारतीय, तरस रहे खाने-पीने को
हनुमानगढ़. जिले के कई बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनके परिजनों की माने तो बार्डर से 1500 किलोमीटर की दूरी पर बच्चे बंकरों में छिपे हुए हैं।
हनुमानगढ़
Published: February 27, 2022 10:32:23 pm
बंकरों में छिपे भारतीय, तरस रहे खाने-पीने को
- भारतीय दूतावास से बच्चों का नहीं हो रहा संपर्क
हनुमानगढ़. जिले के कई बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनके परिजनों की माने तो बार्डर से 1500 किलोमीटर की दूरी पर बच्चे बंकरों में छिपे हुए हैं। अब खाने पीने को तरस रहे हैं और न ही इन बच्चों का संपर्क भारतीय दूतावास से हो रहा है। पूर्व पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा के भतीजा यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसा हुआ हैं। महेंद्र शर्मा ने बताया कि बेटा व उनके साथी बंकरों में फसें हुए हैं। भारतीय दूतावास इन्हें बार्डर एरिए में जाने की अपील कर चुका है। कीव से बार्डर एरिया 1500 किलोमीटर की दूरी पर है। बंकरों से बाहर गोलू बारूद निरंतर फेंका जा रहा है। ऐसा में इनसे बाहर निकलना भी मुश्किल है। हनुमानगढ़ जिले के बच्चों को भारत लाने के लिए परिजनों ने सांसद निहालचंद से दूरभाष के जरिए आग्रह किया है। इसके अलावा पीएम मोदी को भी ट्वीट कर बच्चों की जानकारी दी है।
स्वदेश पहुंचते ही वतन की 'मिट्टी को लगाया माथेÓ पर,
नोहर. यूक्रेन-रूस के बीच छिड़े भयावह युद्ध के बीच भारतीय तिरंगे की पहचान तले क्षेत्र के युवा सकुशल स्वदेश लौट आए हैं। रूस की ओर से यूक्रेन पर लगातार किए जा रहे हमलों से यूके्रन के विभिन्न शहरों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक युवा रविवार शाम को भारत सरकार की विशेष फ्लाइट से सुरक्षित नई दिल्ली पहुंच गए। भारतीय युवाओं की सकुशल स्वदेश वापसी में भारतीय तिरंगा हर कदम पर उनका संरक्षक बना रहा। यूक्रेन के इवानो फ्रेंकविस्क शहर से यूके्रन के पड़ोसी देश रोमानिया तक की 180 किलोमीटर दूरी इन युवाओं ने बस से तय की। इस दौरान आर्मी की सैंकड़ों चैक पोस्ट पर भारतीय तिरंगा इनका संरक्षक बना रहा। बसों के आगे भारतीय तिरंगा व अंदर बैठे युवाओं के वंदे मातरम के नारों के बीच युवा यूक्रेन से बिना किसी रूकावट रोमानिया पहुंच गए। यहां भी रोमानिया के नागरिकों ने भारतीय युवाओं के लिए खाने, पीने, रहने की बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई। शनिवार को रोमानिया के होटल में विश्राम के बाद रविवार सुबह दस बजे सभी युवाओं को निशुल्क ही भारत सरकार के विशेष विमान से शाम 6 बजे नई दिल्ली लाया गया। यहां पहुंचकर युवाओं ने सबसे पहले वतन की मिट्टी को माथे से लगाते हुए अपने घरों की ओर रूख किया। राजस्थान सरकार की ओर से युवाओं को घर तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रबंध किए थे। यूक्रेन में फंसे क्षेत्र के युवाओं की सकुशल वतन वापसी के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है।

बंकरों में छिपे भारतीय, तरस रहे खाने-पीने को
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