scriptकिसानों के समर्थन में इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला बोले, जेपी आंदोलन में सभी जेल नहीं गए, मगर बाद का चुनाव सबक देने वाला रहा | INLD MLA Abhay Singh Chautala, who resigned in the Haryana Assembly in | Patrika News

किसानों के समर्थन में इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला बोले, जेपी आंदोलन में सभी जेल नहीं गए, मगर बाद का चुनाव सबक देने वाला रहा

locationहनुमानगढ़Published: Feb 06, 2021 05:43:17 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. स्थानीय किसान नेता भानीराम मूंड व कपिल सहारण ने शनिवार को चौटाला गांव में किसानों की हुई बैठक में भाग लिया।
 

किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा में इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला बोले, जेपी आंदोलन में सभी जेल नहीं गए, मगर बाद का चुनाव सबक देने वाला रहा

किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा में इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला बोले, जेपी आंदोलन में सभी जेल नहीं गए, मगर बाद का चुनाव सबक देने वाला रहा

किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा में इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला बोले, जेपी आंदोलन में सभी जेल नहीं गए, मगर बाद का चुनाव सबक देने वाला रहा
हनुमानगढ़. स्थानीय किसान नेता भानीराम मूंड व कपिल सहारण ने शनिवार को चौटाला गांव में किसानों की हुई बैठक में भाग लिया। इस दौरान मूंड व सहारण ने कृषि कानून के विरोध में हाल ही में हरियाणा विधानसभा में इस्तीफा देने वाले इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय सिंह चौटाला के निवास पर जाकर किसानों से संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। इसमें चौटाला सहित अन्य वक्ताओं ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून को किसान विरोधी बताया। चौटाला ने कहा कि कानून के जानकार भी तीनों कृषि कानून को गलत ठहरा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी अपना मत दे चुका है। मगर केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। चौटाला ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान भी देश के सारे लोग जेल में नहीं गए थे। लेकिन आंदोलन के बाद जो चुनाव परिणाम आए, वह सबक सिखाने वाला था। चौटाला ने कहा कि यह सरकार सभी आंदोलन को सांप्रदायिक रूप देकर उसे कमजोर करने का प्रयास करती रही है। किसान आंदोलन को भी ऐसा ही रंग देने का प्रयास कर रही है। लेकिन यह देश हित में ठीक नहीं हैं। चौटाला ने कहा कि लोग घरों में बैठे भी अपना मत जाहिर कर रहे हैं, लेकिन सरकार शायद हकीकत से मुंह मोड़ रही है। चौटाला ने कहा कि किसान यदि धान-गेहूं को छोड़कर फूल और फल ही उगाने लगेगा तो करोड़ों का पेट कैसे भरेगा। किसान हितों का ध्यान रखते हुए तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की।
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