मोबाइल बरामदगी को लेकर बंदियों से पूछताछ, नहीं लग पा रही रोक
हनुमानगढ़Published: Mar 17, 2019 09:10:58 pm
https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
मोबाइल बरामदगी को लेकर बंदियों से पूछताछ, नहीं लग पा रही रोक
मोबाइल बरामदगी को लेकर बंदियों से पूछताछ, नहीं लग पा रही रोक
बंदियो में मारपीट व मोबाइल मिलने का मामला
हनुमानगढ़. जिला कारागृह में मोबाइल फोन मिलने को लेकर दर्ज मामले की पड़ताल को लेकर जंक्शन पुलिस ने जिला कारागृह में बंदियों से पूछताछ कर रही है। मामले की जांच कर रहे एएसआई शम्भूदयाल स्वामी ने बंदियों, प्रहरियों आदि के बयान लिए तथा मौका देखा। उप कारापाल सुरेश कुमार से बंदियों को लेकर पूछताछ की। जांच अधिकारी ने बताया कि मामले की पड़ताल में सामने आया कि मोबाइल राहुल उर्फ काकू पुत्र यशपाल से बरामद हुआ था। फोन की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
गौरतलब है कि जेल प्रहरी गजेन्द्र सिंह पुत्र मांगीराम ने 15 मार्च को जंक्शन थाने में मामला दर्ज कराया। उसने पुलिस को रिपोर्ट दी कि 14 मार्च को सुबह जेल खोलने के दौरान बैरक संख्या सात में बंद रवि उर्फ सुंदर पुत्र चंदूराम बिश्नोई निवासी वार्ड नम्बर 17, पीलीबंगा ने बताया कि उसके साथ मारपीट की गई। 13 मार्च की रात उसके साथ बैरक में बंद विजय उर्फ सेठी पुत्र महावीर, रवि पुत्र अर्जुनराम, नाजम खान पुत्र वरियाम खान, राहुल उर्फ काकू पुत्र यशपाल, राजब अली पुत्र इलियास खान, नसीब अली पुत्र सुबा सादक, अल्लादिता पुत्र अलायार, मिर्जा उर्फ यूनुस अली पुत्र चिरागदीन व मनोज पुत्र रामकरण ने मारपीट की। शिकायत के आधार पर जेल कर्मियों ने मारपीट करने वाले बंदियों की तलाशी ली तो उनसे काले रंग का मोबाइल फोन बरामद हुआ। मोबाइल में एयरटेल कंपनी की 4जी सिम डली हुई थी। पुलिस ने बंदियों से मिले मोबाइल को जब्त कर उक्त नौ बंदियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 143 व कारागार अधिनियम की धारा 42 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपित नौ बंदियों में से कई मादक पदार्थांे की तस्करी करने व अवैध हथियार रखने सहित कई मामलों में न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं।
पहले भी जब्त
जिला कारागृह में बंदियों में मारपीट होने के मामले इससे पहले भी सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले डेढ़ साल में जिला कारागृह तथा नोहर उप कारागृह में अलग-अलग ली गई जेल की तलाशी में करीब 50 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। इस सम्बंध में कई मामले भी दर्ज हुए। कई मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी भी हुई तथा एक प्रकरण में दो बंदियों को सजा भी हो चुकी है। इसके बावजूद जेल से मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लग पा रही है।