देश और समाज की वर्तमान स्थितियों पर 'राजस्थान पत्रिकाÓ से बातचीत में उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक शिक्षा पूर्ण रूप से लागू हो और उस शिक्षा को देने वालों को पहल स्वयं से करनी होगी। शिक्षक का स्वयं का जीवन और चरित्र इतना उज्ज्वल होना चाहिए कि उसके कहे हुए शब्दों का प्रभाव हो। स्वामी नरेश शर्मा ने कहा कि शिक्षा को वर्तमान में अर्थोपार्जन का जरिया बना लिया गया है, यह चिंता का विषय है। सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में जुड़े हुए व्यक्तियों को स्वयं पर लागू करना होगा। ऐसे लोगों की जरूरत है जो चरित्रवान हों और मार्गदर्शन कर सकें।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म को लेकर बातें ज्यादा होती हैं और कार्य कम होता है। उन्होंने राजनीति में आ रही गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा कि शीर्ष पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का आचरण उच्च होना चाहिए और समाज को दिशा देने का कार्य होना चाहिए लेकिन उन्होंने यह कार्य अध्यात्मिक संतों पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में थ्योरीटिकल बातें ज्यादा होती हैं, जरूरत पे्रक्टिकल में बात करने की है। हमारे देश में लोग आदर्शवादी बातें ज्यादा करते हैं, स्वयं के आचरण में आदर्श कोई नहीं उतार रहा है। सोशल मीडिया की बात करते हुए उन्होंने चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर धर्म, संस्कृति और अच्छे नवाचारों की अनदेखी की जाती है और नकारात्मक विषयों को तत्काल 'लाइकÓ करते हुए बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने संस्कृति के एक श£ोक का उद्रण करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में ऐसा आचरण, व्यवहार करना चाहिए जो हम दूसरों से स्वयं के लिए चाहते हैं।
श्रीकाशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में सत्संग
हनुमानगढ़. जंक्शन के सेक्टर नौ में स्थित श्री काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में शनिवार रात्रि को श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति के तत्वावधान में सत्संग कार्यक्रम हुआ। इसमें अध्यात्मिक गुरु नरेश शर्मा ने श्रद्धालुओं को अध्यात्म और धर्म को लेकर मार्गदर्शन दिया। श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति के अध्यक्ष अश्वनी नारंग के अनुसार रविवार को सुबह नौ बजे से बारह बजे तक पुन: सत्संग कार्यक्रम होगा। जिसमें स्वामी नरेश शर्मा श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म को लेकर बातें ज्यादा होती हैं और कार्य कम होता है। उन्होंने राजनीति में आ रही गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा कि शीर्ष पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का आचरण उच्च होना चाहिए और समाज को दिशा देने का कार्य होना चाहिए लेकिन उन्होंने यह कार्य अध्यात्मिक संतों पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में थ्योरीटिकल बातें ज्यादा होती हैं, जरूरत पे्रक्टिकल में बात करने की है। हमारे देश में लोग आदर्शवादी बातें ज्यादा करते हैं, स्वयं के आचरण में आदर्श कोई नहीं उतार रहा है। सोशल मीडिया की बात करते हुए उन्होंने चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर धर्म, संस्कृति और अच्छे नवाचारों की अनदेखी की जाती है और नकारात्मक विषयों को तत्काल 'लाइकÓ करते हुए बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने संस्कृति के एक श£ोक का उद्रण करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में ऐसा आचरण, व्यवहार करना चाहिए जो हम दूसरों से स्वयं के लिए चाहते हैं।
श्रीकाशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में सत्संग
हनुमानगढ़. जंक्शन के सेक्टर नौ में स्थित श्री काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में शनिवार रात्रि को श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति के तत्वावधान में सत्संग कार्यक्रम हुआ। इसमें अध्यात्मिक गुरु नरेश शर्मा ने श्रद्धालुओं को अध्यात्म और धर्म को लेकर मार्गदर्शन दिया। श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति के अध्यक्ष अश्वनी नारंग के अनुसार रविवार को सुबह नौ बजे से बारह बजे तक पुन: सत्संग कार्यक्रम होगा। जिसमें स्वामी नरेश शर्मा श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करेंगे।