जिले के इन गांवों का चयन
हनुमानगढ़ जिले में योजना के तहत छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। जिसमें डबलीपास कुतुब, डबलीबास पेमा, डबलीबास मिढ़ा रोही, डबलीबास मौलवी, दुलमाना व लोंगवाला गांव को शामिल किया गया है। इन गांवों में ११६ करोड़ खर्च करके इनका विकास शहरी तर्ज पर किया जाएगा। इस योजना की क्रियान्वति को लेकर जिला परिषद अधिकारियों की कार्यशाला और उच्च स्तरीय बैठक भी हो चुकी है। जिसमें योजना को लेकर विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी गई है।
हनुमानगढ़ जिले में योजना के तहत छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। जिसमें डबलीपास कुतुब, डबलीबास पेमा, डबलीबास मिढ़ा रोही, डबलीबास मौलवी, दुलमाना व लोंगवाला गांव को शामिल किया गया है। इन गांवों में ११६ करोड़ खर्च करके इनका विकास शहरी तर्ज पर किया जाएगा। इस योजना की क्रियान्वति को लेकर जिला परिषद अधिकारियों की कार्यशाला और उच्च स्तरीय बैठक भी हो चुकी है। जिसमें योजना को लेकर विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी गई है।
यह सुविधाएं मिलेगी
इन गांव के बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल खोले जाएंगे। पहले से चल रहे स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। स्कूलों की क्रमोन्नति भी की जाएगी। पेयजल की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। सूचना तकनीक के क्षेत्र में काम होगा। कचरा प्रबंधन की व्यवस्था होगी। सडक़ और नाली का निर्माण भी होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम होगा। महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास पर काम करके यहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
इन गांव के बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल खोले जाएंगे। पहले से चल रहे स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। स्कूलों की क्रमोन्नति भी की जाएगी। पेयजल की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। सूचना तकनीक के क्षेत्र में काम होगा। कचरा प्रबंधन की व्यवस्था होगी। सडक़ और नाली का निर्माण भी होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम होगा। महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास पर काम करके यहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
कृषि विकास को प्राथमिकता
हनुमानगढ़ के कृषि प्रधान जिला होने के कारण चयनित गांवों में एग्रो सर्विस और प्रोसेसिंग की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। योजना के तहत जो डीपीआर बनाई गई है, उसमें एग्रो सर्विसेज को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। इसके अलावा ग्रामीणों को बेहतर आवास उपलब्ध करवाने का प्रयास रहेगा। डिजिटल साक्षरता को लेकर भी काम होंगे। जिला परिषद में एक्सईएन राजेश कुमार गोयल ने बताया कि एनआरयूएम के तहत हनुमानगढ़ में छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। चयनित गांवों में शहरी तर्ज पर नियोजित विकास करवाने का प्रयास है। योजना के तहत डीपीआर को मंजूरी के लिए भिजवाया गया है।
हनुमानगढ़ के कृषि प्रधान जिला होने के कारण चयनित गांवों में एग्रो सर्विस और प्रोसेसिंग की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। योजना के तहत जो डीपीआर बनाई गई है, उसमें एग्रो सर्विसेज को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। इसके अलावा ग्रामीणों को बेहतर आवास उपलब्ध करवाने का प्रयास रहेगा। डिजिटल साक्षरता को लेकर भी काम होंगे। जिला परिषद में एक्सईएन राजेश कुमार गोयल ने बताया कि एनआरयूएम के तहत हनुमानगढ़ में छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। चयनित गांवों में शहरी तर्ज पर नियोजित विकास करवाने का प्रयास है। योजना के तहत डीपीआर को मंजूरी के लिए भिजवाया गया है।