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शहरी तर्ज पर होगा गांवों का विकास, शहरों की तरफ बढ़ रहे पलायन को रोकने का प्रयास

locationहनुमानगढ़Published: Mar 02, 2019 08:44:32 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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शहरी तर्ज पर होगा गांवों का विकास, शहरों की तरफ बढ़ रहे पलायन को रोकने का प्रयास

जिले में सवा अरब खर्च कर छह गांवों को विकसित करने का प्लान तैयार
पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. गांवों का विकास शहरी तर्ज पर करने की कवायद तेज कर दी गई है। ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधारने को लेकर शुरू की गई इस अहम योजना को अमली जामा पहनाने में अधिकारी जुट गए हैं। प्रदेश की विभिन्न जिलों से गांवों का चयन कर इनमें शहरी तर्ज पर विकास करवाने को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर इसे मंजूरी के लिए मुख्यालय भिजवाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिला परिषद के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि चयनित गांवों के मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। जिस स्वरूप में गांव का नक्शा स्वीकृत है, उसी स्थिति में इनका विकास बेहतर तरीके से किया जाएगा। जिससे ग्रामीणों को शहरों में मिलने वाली सुविधाएं आसानी से मिल सके। केंद्र सरकार की ओर से संचालित इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों से शहरों की तरफ बढ़ रहे पलायन को रोकना है। इसके तहत विभिन्न जिलों में जिला परिषद की ओर से एक-एक कलस्टर बनाकर गांवों का चयन कर चयनित गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि रोजगार, सडक़, परिवहन, बेहतर शिक्षा व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं यदि लोगों को गांवों में ही मिलने लगेगी तो उनका शहरों की तरफ पलायन कम होगा। इससे शहरों में जनसंख्या का घनत्व भी ज्यादा नहीं बढ़ेगा। नेशनल रूरबन मिशन (एनआरयूएम) के तहत हनुमानगढ़ जिले की छह गांवों का चयन किया गया है। उक्त गांवों में शहरी तर्ज पर विकास कार्य करवाने के लिए १ अरब १६ करोड़ की कार्य योजना बनाई गई है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से ३० करोड़ का विशेष पैकेज दिया जाएगा। जबकि शेष बजट सरकार की ओर से संचालित की जा रही योजनाओं से स्वीकृत किए जाएंगे।
जिले के इन गांवों का चयन
हनुमानगढ़ जिले में योजना के तहत छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। जिसमें डबलीपास कुतुब, डबलीबास पेमा, डबलीबास मिढ़ा रोही, डबलीबास मौलवी, दुलमाना व लोंगवाला गांव को शामिल किया गया है। इन गांवों में ११६ करोड़ खर्च करके इनका विकास शहरी तर्ज पर किया जाएगा। इस योजना की क्रियान्वति को लेकर जिला परिषद अधिकारियों की कार्यशाला और उच्च स्तरीय बैठक भी हो चुकी है। जिसमें योजना को लेकर विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी गई है।
यह सुविधाएं मिलेगी
इन गांव के बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल खोले जाएंगे। पहले से चल रहे स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। स्कूलों की क्रमोन्नति भी की जाएगी। पेयजल की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। सूचना तकनीक के क्षेत्र में काम होगा। कचरा प्रबंधन की व्यवस्था होगी। सडक़ और नाली का निर्माण भी होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम होगा। महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास पर काम करके यहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
कृषि विकास को प्राथमिकता
हनुमानगढ़ के कृषि प्रधान जिला होने के कारण चयनित गांवों में एग्रो सर्विस और प्रोसेसिंग की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। योजना के तहत जो डीपीआर बनाई गई है, उसमें एग्रो सर्विसेज को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। इसके अलावा ग्रामीणों को बेहतर आवास उपलब्ध करवाने का प्रयास रहेगा। डिजिटल साक्षरता को लेकर भी काम होंगे। जिला परिषद में एक्सईएन राजेश कुमार गोयल ने बताया कि एनआरयूएम के तहत हनुमानगढ़ में छह गांवों का कलस्टर बनाया गया है। चयनित गांवों में शहरी तर्ज पर नियोजित विकास करवाने का प्रयास है। योजना के तहत डीपीआर को मंजूरी के लिए भिजवाया गया है।
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