रसोई घर में कम्प्यूटर
संगरिया रोड स्थित कन्या छात्रावास भवन को शिक्षा संकुल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। मगर कर्मचारियों के बैठने की जगह के अभाव के कारण छात्रावास के रसोई घर को तोड़कर उसे कम्प्यूटर कक्ष में बदला जा रहा है। तीनों कार्यालय के 50 के करीब स्थाई कर्मचारी हैं। जबकि संविदा कार्मिक अलग हैं।
अस्थाई शिक्षा संकुल में पेयजल उधार लिया जा रहा था। राजकीय बालिका उमावि से पेयजल पाइप लाइन लेकर काम चलाया जा रहा था। मगर तीन दफ्तर एक साथ आ जाने के बाद पेयजल की किल्लत हो गई। आखिरकार समसा के पीओ हरलाल ढाका के नेतृत्व में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी तेजासिंह गदराना की प्रेरणा से सभी कर्मचारियों ने राशि एकत्र कर 40 हजार की लागत से बोरिंग कराकर जल संकट दूर किया।
बीते साल प्रत्येक जिले में शिक्षा संकुल की तर्ज पर शिक्षा विभाग से जुड़े कार्यालय एक ही छत के नीचे संचालन के लिए व्यवस्था में बदलाव किया। इसके तहत सर्व शिक्षा अभियान तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को समायोजित कर उसे समसा कर दिया गया। इसी तरह उप निदेशक का पद सृजित कर उसे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी का नाम दिया गया। डीईओ प्रारंभिक व माध्यमिक के साथ-साथ प्रत्येक ब्लॉक पर भी डीईओ स्तर के अधिकारी का पद सृजित किया गया। इसके अलावा भी शिक्षा अधिकारियों के कई पद सृजित किए गए। इसका उद्देश्य यह था कि समसा, डीईओ प्रारंभिक व माध्यमिक तथा डीडी कार्यालय एक ही जगह संचालित हो ताकि इनसे जुड़े कार्य एक ही छत तले हो सके।
जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के ढांचे में किए गए बदलाव के बाद नए तथा समायोजित किए गए शिक्षा विभाग के दफ्तर और पूर्व में संचालित कार्यालय एक ही छत के नीचे संचालित किए जाने हैं। इस संबंध में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (डीडी) से भवन आदि को लेकर प्रस्ताव भी मांगे जा चुके हैं। फिलहाल बात प्रस्ताव मांगने से आगे नहीं बढ़ी है।