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टेम्पररी शिक्षा संकुल में टंटा, पल्ले से खर्च कर पी रहे पानी

locationहनुमानगढ़Published: Aug 05, 2019 09:58:36 pm

Submitted by:

adrish khan

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हनुमानगढ़. शिक्षा विभाग के टेम्परेरी शिक्षा संकुल में टंटा ही टंटा है। शिक्षा विभाग के ढांचे में जिला स्तर पर किए गए बदलाव का मंशा के अनुरूप अभी फायदा नहीं मिल सका है। ‘शिक्षा संकुलÓ की तर्ज पर जिले में शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का एक ही परिसर में संचालन का प्रयास किया जा रहा है। मगर भवन के अभाव ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं। अभी जो शिक्षा संकुल की तर्ज पर शिक्षा विभाग के तीन कार्यालय एक परिसर में संचालित किए जा रहे हैं, वह दरअसल कन्या छात्रावास भवन है।

Lack of building for office of education department in Hanumangarh

टेम्पररी शिक्षा संकुल में टंटा, पल्ले से खर्च कर पी रहे पानी

टेम्पररी शिक्षा संकुल में टंटा, पल्ले से खर्च कर पी रहे पानी
– ढांचागत बदलाव के बाद शिक्षा विभाग के कई कार्यालय एक ही जगह संचालित
– भवन के अभाव में दिक्कत, अस्थाई भवन में समस्याओं का अम्बार
हनुमानगढ़. शिक्षा विभाग के टेम्परेरी ‘शिक्षा संकुलÓ में टंटा ही टंटा है। शिक्षा विभाग के ढांचे में जिला स्तर पर किए गए बदलाव का मंशा के अनुरूप अभी फायदा नहीं मिल सका है। ‘शिक्षा संकुलÓ की तर्ज पर जिले में शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का एक ही परिसर में संचालन का प्रयास किया जा रहा है। मगर भवन के अभाव ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं। अभी जो शिक्षा संकुल की तर्ज पर शिक्षा विभाग के तीन कार्यालय एक परिसर में संचालित किए जा रहे हैं, वह दरअसल कन्या छात्रावास भवन है। ऐसे में विभागीय कर्मचारियों के बैठने, रिकॉर्ड आदि सामान रखने के लिए जगह का टोटा है। यहां तक कि पेयजल तक की किल्लत हो गई। पिछले दिनों विभागीय कार्मिकों ने अपनी जेब से चालीस हजार रुपए खर्च कर बोरिंग से इसका समाधान कराया।
मगर अन्य समस्याएं अभी भी यथावत हैं। पिछले बरस रमसा व एसएसए का एकीकरण कर उसे समसा बना दिया गया। उप निदेशक का पद भी सृजित किया गया। अभी संगरिया रोड स्थित कार्यालय में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय तथा समग्र शिक्षा अभियान का कार्यालय संचालित हो रहा है। जबकि डीईओ प्रारंभिक (मुख्यालय) का कार्यालय पुराने कलक्ट्रेट परिसर में चल रहा है। स्थान अभाव के कारण यह दफ्तर अन्य तीन दफ्तरों के साथ संचालित नहीं हो पा रहा है।

रसोई घर में कम्प्यूटर
संगरिया रोड स्थित कन्या छात्रावास भवन को शिक्षा संकुल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। मगर कर्मचारियों के बैठने की जगह के अभाव के कारण छात्रावास के रसोई घर को तोड़कर उसे कम्प्यूटर कक्ष में बदला जा रहा है। तीनों कार्यालय के 50 के करीब स्थाई कर्मचारी हैं। जबकि संविदा कार्मिक अलग हैं।
पल्ले से पेयजल
अस्थाई शिक्षा संकुल में पेयजल उधार लिया जा रहा था। राजकीय बालिका उमावि से पेयजल पाइप लाइन लेकर काम चलाया जा रहा था। मगर तीन दफ्तर एक साथ आ जाने के बाद पेयजल की किल्लत हो गई। आखिरकार समसा के पीओ हरलाल ढाका के नेतृत्व में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी तेजासिंह गदराना की प्रेरणा से सभी कर्मचारियों ने राशि एकत्र कर 40 हजार की लागत से बोरिंग कराकर जल संकट दूर किया।
इसलिए किया बदलाव
बीते साल प्रत्येक जिले में शिक्षा संकुल की तर्ज पर शिक्षा विभाग से जुड़े कार्यालय एक ही छत के नीचे संचालन के लिए व्यवस्था में बदलाव किया। इसके तहत सर्व शिक्षा अभियान तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को समायोजित कर उसे समसा कर दिया गया। इसी तरह उप निदेशक का पद सृजित कर उसे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी का नाम दिया गया। डीईओ प्रारंभिक व माध्यमिक के साथ-साथ प्रत्येक ब्लॉक पर भी डीईओ स्तर के अधिकारी का पद सृजित किया गया। इसके अलावा भी शिक्षा अधिकारियों के कई पद सृजित किए गए। इसका उद्देश्य यह था कि समसा, डीईओ प्रारंभिक व माध्यमिक तथा डीडी कार्यालय एक ही जगह संचालित हो ताकि इनसे जुड़े कार्य एक ही छत तले हो सके।
मांग चुके प्रस्ताव
जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के ढांचे में किए गए बदलाव के बाद नए तथा समायोजित किए गए शिक्षा विभाग के दफ्तर और पूर्व में संचालित कार्यालय एक ही छत के नीचे संचालित किए जाने हैं। इस संबंध में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (डीडी) से भवन आदि को लेकर प्रस्ताव भी मांगे जा चुके हैं। फिलहाल बात प्रस्ताव मांगने से आगे नहीं बढ़ी है।
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