विधानसभा चुनाव से पहले मई 2018 में राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे व नगर परिषद के अधिकारियों ने गांधीनगर व भट्टा बस्ती इलाके का संयुक्त सर्वे किया था। संयुक्त रिपोर्ट में राजस्व विभाग ने रिकार्ड के मुताबिक 183 बीघा भूमि रेलवे की बताई थी। इस रिपोर्ट में नगर परिषद अधिकारियों के हस्ताक्षर होने की भी बात कही जा रही है। इसी के आधार पर रेलवे ने हाइकोर्ट की सुनवाई में अपना पक्ष रख चुका है। इधर, नगर परिषद का दावा है कि 1997 में मंडी समिति से यह भूमि हैंडओवर की गई थी। इसका नियमिन कर व गेजेट नोटिफिकेशन होने के पश्चात 157 लोगों को मकानों के पट्टे दिए जा चुके हैं।
नागरिक इस भूमि पर कब से काबिज है और नागरिकों को दिए गए नियमन व पट्टे की प्रतिलिपि आदि दस्तावेज टीम के सदस्यों ने डोर-टू-डोर जाकर एकत्रित किए हैं। इसके प्रभारी सहायक अभियंता बंता सिंह है। गांधीनगर इलाके में सहायक अभियंता वेदपाल सिंह, प्रेमदास नायक के नेतृत्व में टीम घर-घर जाकर सर्वे किया। इनके साथ सहयोगी के तौर पर शांति बिस्सा व मुकेश कुमार रहे। इसी तरह भट्टा बस्ती में सहायक अभियंता मेघराज सिंह, कनिष्ठ अभियंता धीरज कुमार के साथ मैट नरेश कुमार रहे। जिन लोगों ने अभी तक अपने मकानों के पट्टे की प्रतिलिपि जमा नहीं करवाई है। वह जंक्शन स्थित नगर परिषद उपकार्यालय या फिर सबंधित इलाके की टीम के सदस्य को जमा करवा सकते हैं।