इस से निजात पाने के लिए गेहूं कटाई व कढ़ाई के काम में घर वालों का हाथ बंटाने के लिए खेत जाने लगे। मालूम चला कि खेती करना आसान काम नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे खेती कार्य के अभ्यस्त हो रहे हैं। किसान दिनेश जोशी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते गेहूं की कटाई के समय मजदूरों की समस्या खत्म हो गई। पहले मजदूरों के अभाव में मशीनों से कटाई करवानी पड़ती थी। लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं हुआ। अभी काफी मजदूर उपलब्ध हंै। मजदूर पिछले वर्ष एक क्विंटल गेहूं की मजदूरी लेकर एक बीघा की गेहूं काटते थे। लेकिन इस बार 60 से 70 किलो प्रति बीघा के हिसाब से गेहूं की कटाई की जा रही है। वहीं कोरोना के चलते खेतो में काम कर रहे मजदूर सोशल डिस्टेंस की पालना भी बखूबी कर रहे हैं।