नर्सिंग कॉलेज के नाम पर 14 जिलों को लॉलीपाप
हनुमानगढ़Published: Sep 23, 2019 11:51:09 am
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हनुमानगढ़. जनरल नर्सिंग मिडवायफरी (जीएनएम) कॉलेज के नाम पर हनुमानगढ़ सहित 14 जिलों को लॉलीपाप थमा दिया गया। जिला मुख्यालय पर इसके लिए जगह भी चिह्नित की गई। मगर इसके बाद लगभग चार बरस बीत गए। चिकित्सा निदेशालय के पास प्रस्ताव बर्फ में लगा पड़ा है।
नर्सिंग कॉलेज के नाम पर 14 जिलों को लॉलीपाप
नर्सिंग कॉलेज के नाम पर 14 जिलों को लॉलीपाप
– हनुमानगढ़ सहित 14 जिलों में सरकारी जीएनएम प्रशिक्षण कॉलेज खोलने के प्रस्ताव लेकर भूले
– जिला मुख्यालय पर भूमि भी चिह्नित, मगर प्रस्ताव भिजवाने के बाद प्रक्रिया ठप
– एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र में सीटों की कटौती के बाद नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का छेड़ा गया था शिगूफा
हनुमानगढ़. जनरल नर्सिंग मिडवायफरी (जीएनएम) कॉलेज के नाम पर हनुमानगढ़ सहित 14 जिलों को लॉलीपाप थमा दिया गया। जिला मुख्यालय पर इसके लिए जगह भी चिह्नित की गई। मगर इसके बाद लगभग चार बरस बीत गए। चिकित्सा निदेशालय के पास प्रस्ताव बर्फ में लगा पड़ा है। हालांकि जब राज्य सरकार के आदेश पर चिकित्सा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया था तो उम्मीद जगी थी कि कॉलेज संचालन से जिले को दोहरा लाभ होगा। एक तो युवाओं को कम खर्च पर जिले में ही जीएनएम प्रशिक्षण की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों से सरकारी अस्पतालों में स्टाफ पर काम का दबाव कम होगा। इससे चिकित्सा सुविधाओं में सुधार आएगा।
क्योंकि प्रशिक्षणार्थियों के लिए कई माह तक सरकारी अस्पतालों में ‘इंटर्नशिपÓ करनी जरूरी होती है। मगर ऐसा अब तक नहीं हो सका है। हालांकि प्रस्ताव तैयार करने के दौरान प्रारंभिक चरण में कॉलेज भवन के लिए जंक्शन स्थित सिविल लाइन में जगह चिह्नित की गई थी। बाद में जिला अस्पताल परिसर में भी कॉलेज संचालन को लेकर चर्चा चली थी। जब वर्ष 2015 में कॉलेज को लेकर प्रस्ताव चिकित्सा निदेशालय को भिजवाया गया था तो एक साल के भीतर ही नर्सिंग कॉलेज के लिए जमीन पर काम शुरू होने की संभावना जताई जा रही थी। मगर ऐसा अब तक नहीं हो सका है।
कॉलेज की बड़ी जरूरत
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने ऐसे जिले जहां जीएनएम प्रशिक्षण कॉलेज नहीं है, वहां कॉलेज प्रारंभ करने के लिए वर्ष 2015 में प्रस्ताव मांगे थे। प्रदेश में हनुमानगढ़ सहित करीब 14 ऐसे जिले हैं, जहां सरकारी जीएनएम प्रशिक्षण कॉलेज नहीं है। इसलिए हनुमानगढ़ के जिला अस्पताल परिसर में जीएनएम प्रशिक्षण कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मांगा गया। लेकिन अस्पताल परिसर में पर्याप्त जगह नहीं थी। इसके बाद जिला औषधि भंडार के पीछे खाली पड़ी करीब साढ़े पांच बीघा भूमि पर कॉलेज निर्माण का प्रस्ताव बनाया।
खुले तो हो फायदा
जिले में जीएनएम प्रशिक्षण कॉलेज नहीं होने से युवाओं को निजी कॉलेज या अन्य जिले में जाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। यहां कॉलेज बनने से कम खर्च पर प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकेगा। प्रशिक्षणार्थियों को सरकारी अस्पतालों में जाकर अभ्यास करना भी होता है। इसलिए प्रशिक्षण के दौरान सरकारी अस्पतालों में स्टाफ संबंधी दिक्कतें थोड़ी कम हो जाएंगी।
दो बार प्रस्ताव
जिला औषधि भंडार व एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र के पीछे पड़ी भूमि पर नर्सिंग कॉलेज शुरू करने का प्रस्ताव मुख्यालय को दो बार भिजवाया जा चुका है। इस संबंध में अब मुख्यालय स्तर पर ही निर्णय होगा।- डॉ. अरुण चमडिय़ा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी।