नजर आया चांद, माहे रमजान शुरू, रब की रजा के लिए रखे रोजे
हनुमानगढ़Published: May 07, 2019 11:26:52 am
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नजर आया चांद, माहे रमजान शुरू, रब की रजा के लिए रखे रोजे
नजर आया चांद, माहे रमजान शुरू, रब की रजा के लिए रखे रोजे
– मस्जिदों में उमडऩे लगे रोजेदार नमाजी
हनुमानगढ़. माहे रमजान का चांद सोमवार को नजर आ गया। इसके साथ ही मंगलवार से रोजे शुरू हो गए। रमजान मुबारक का चांद देखने के लिए अकीदतमंद मग्रिब की नमाज के बाद आसमान ताकने लगे। बच्चों से लेकर महिलाएं, बूढ़े सभी चांद देखने के लिए उतावले नजर आए। छतों पर चांद देखने के लिए भीड़ सी लगी रही। जैसे ही चांद दिखा लोगों ने दुआ पढ़ एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद दी। पहला रोजा पन्द्रह घंटे से भी अधिक अवधि का रहेगा। इतनी लम्बी अवधि के रोजे तीस-पैंतीस वर्षों बाद ही आते हैं। जब रमजान का महीना जेठ-आषाढ़ में हो तो दिन लंबे होने के कारण रोजे का समय ज्यादा रहता है। टाउन सब्जी मंडी स्थित जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद अली ने बताया कि पहले रोजे का इफ्तार मंगलवार शाम सात बजकर सोलह मिनट पर होगा। जबकि खत्म सहरी का वक्त बुधवार तड़के चार बजकर तेरह मिनट रहेगा। रमजान के तीस रोजों को इबादत के दृष्टिकोण से तीन हिस्सों में बांटा गया है। इसमें से पहला हिस्सा रहमत का माना जाता है। रोजा केवल खाने-पीने की पाबंदी भर नहीं है बल्कि जिस्म के हर अंग का रोजा होता है। जुबान से किसी के लिए गलत शब्द मत निकालो। बुरी बात या किसी की चुगली मत करो। यह जुबान का रोजा होता है। इसी तरह बुरी चीज देखने से बचोगे तो आंखों का रोजा रहेगा। रोजा रखने के बाद ही इंसान गरीबों की भूख-प्यास को शिद्दत से महसूस कर सकता है। इसलिए रोजों में ज्यादा से ज्यादा जकात, खैरात, सदका आदि गरीबों को देनी चाहिए।