दो दिन में 1100 किलोमीटर से ज्यादा चले पुलिस वाहन, पुलिस से बचने को कच्चे रास्तों से गुजरे अपहरणकर्ता
हनुमानगढ़. लव मैरिज करने वाले युवक के अपहरण मामले का पुलिस ने सोमवार को सुखद पटाक्षेप कर दिया। अपह्रत युवक से अनहोनी की आशंका के बीच पुलिस ने उसे सकुशल बरामद करते हुए अपहरण के आरोप में आठ जनों को पकड़ा है। इनमें से दो नाबालिग हैं, उनको निरुद्ध किया गया है। जबकि शेष छह जनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हनुमानगढ़
Published: June 20, 2022 10:31:31 pm
दो दिन में 1100 किलोमीटर से ज्यादा चले पुलिस वाहन, पुलिस से बचने को कच्चे रास्तों से गुजरे अपहरणकर्ता
- लव मैरिज करने वाला युवक सकुशल बरामद
- अपहरण के आरोप में छह गिरफ्तार, दो नाबालिग निरुद्ध
हनुमानगढ़. लव मैरिज करने वाले युवक के अपहरण मामले का पुलिस ने सोमवार को सुखद पटाक्षेप कर दिया। अपह्रत युवक से अनहोनी की आशंका के बीच पुलिस ने उसे सकुशल बरामद करते हुए अपहरण के आरोप में आठ जनों को पकड़ा है। इनमें से दो नाबालिग हैं, उनको निरुद्ध किया गया है। जबकि शेष छह जनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वारदात में इस्तेमाल एक स्कॉर्पियो तथा दो मोटर साइकिलें जब्त की गई हैं। जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपहरण के आरोपियों का सहयोग करने वालों तथा उनको शरण देने वालों के बारे में पड़ताल की जा रही है। अपह्रत अजय बरायच पुत्र कालूराम जाट निवासी वार्ड पांच, 29 एसएसडब्ल्यू, फतेहगढ़ खिलेरीबास को आरोपियों से छुड़ाने के बाद उसका मेडिकल कराया गया है। उसके शरीर पर चोटों के निशान मिले हैं।
एसपी डॉ. सिंह ने बताया कि अपहरण के आरोप में लडक़ी के पिता मुकेश कुमार (36) पुत्र फत्ताराम छिम्पा, चाचा राजेन्द्र छिम्पा (32), ताऊ विनोद छिम्पा (45), मदनलाल (36) पुत्र माडूराम छिम्पा सभी निवासी 24 एसएसडब्ल्यू, लडक़ी के मामा राजेन्द्र उर्फ राजू पुत्र दयाराम छिम्पा (32) निवासी भागसर, पीलीबंगा तथा रोहताश कुमार (26) उर्फ शिकारी पुत्र ओमप्रकाश जाट निवासी वार्ड तीन, सोनड़ी को गिरफ्तार किया गया है। इनमें रोहताश कुमार साजिशकर्ता तथा आरोपियों को शरण देने वाला है। एसपी ने बताया कि अजय का अपहरण करने के बाद आरोपी उसे पीलीबंगा, रावतसर होते हुए चूरू जिले में ले गए। इससे पहले रात को फेफाना में ठहराव किया। इसके बाद सरदारशहर थाना क्षेत्र के भादासर स्थित ढाणी चले गए। वहां से आरोपियों को पकड़ा गया। अपहरण के बाद से ही आरोपियों ने अपने तथा पीडि़त का मोबाइल फोन बंद कर दिया था। इसके बाद किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद का इस्तेमाल नहीं किया। पुलिस की सात टीम ने लगातार जांच कर मुखबिरी तंत्र की मदद से आरोपियों को पकड़ा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एएसपी जस्साराम बोस, डीएसपी प्रशांत कौशिक, एसआई लखवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
हत्या बताया उद्देश्य, दो प्रेम विवाह
एसपी ने बताया कि आरोपी मुकेश की पुत्री ने अजय से प्रेम विवाह किया था। इस कारण गांव में इज्जत खराब होने की रंजिशवश अजय का हत्या के उद्देश्य से अपहरण करना आरोपियों ने स्वीकारा है। अपहरण के बाद 48 घंटे से अधिक अवधि तक आरोपियों के कब्जे में युवक रहा। इस दौरान उसे जान का नुकसान नहीं पहुंचाया गया। जबकि इतनी अवधि में ऐसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस पर एसपी ने कहा कि आरोपी मुकेश के छोटे भाई राजेन्द्र की पुत्री ने भी अंतरजातीय प्रेम विवाह किया है। परिवार की दो लड़कियों के प्रेम विवाह से गुस्साए आरोपियों ने सबक सिखाने के उद्देश्य से वारदात को अंजाम दिया। समाज में खोई प्रतिष्ठा वापस पाने एवं कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।
मामा ड्राइवर, कच्चे रास्तों का इस्तेमाल
आरोपियों ने युवक का अपहरण करने के बाद मुख्य रास्तों की बजाय कच्चे रास्तों का इस्तेमाल किया ताकि पुलिस की पकड़ में आने बचा जा सके। लडक़ी का मामा राजेन्द्र उर्फ राजू टैक्सी चलाता है। उसे कच्चे रास्तों का ज्ञान था। ऐसे में पुलिस नाकाबंदी से आरोपी बच निकले। आरोपियों ने वारदात के दौरान किसी तरह के हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।
ताऊ को पैदल पीछा कर पकड़ा
पुलिस के अनुसार लडक़ी के ताऊ आरोपी विनोद छिम्पा को पैरों के निशान के आधार पर ढूंढ़ा। टाउन थाना प्रभारी दिनेश सारण व टीम ने विनोद का पैदल पीछा कर उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
इनकी रही विशेष भूमिका
एसपी डॉ. अजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल के लिए एएसपी जस्साराम बोस तथा डीएसपी प्रशांत कौशिक ने सुपरविजन में सात टीम बनाई गई थी। इनमें टाउन थाना प्रभारी दिनेश सारण, जंक्शन थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई एवं डीएसटी प्रभारी लखवीरसिंह गिल व उनकी टीम की विशेष भूमिका रही।
1100 किमी से ज्यादा चले
अपहरण के बाद आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित की गई। पुलिस के दो वाहन दो दिन में 1100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक चले। आरोपियों के संभावित ठिकानों की तलाश की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम गुजरी।
क्या था मामला
अजय बरायच का 16 जून की शाम को हनुमानगढ़ से सरे बाजार अपहरण कर लिया गया था। सारी वारदात नजदीक के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गई है। अजय बरायच ने करीब सात माह पहले रेखा के साथ लव मैरिज की थी। रेखा अभी करीब छह माह की गर्भवती है। उसने पुलिस को बताया कि पीहर पक्ष के लोग उसे व उसके पति को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। 16 जून की शाम करीब छह बजे उसका पति अजय अपनी मोटर साइकिल पर फतेहगढ़ खिलेरीबास से चिश्तियां जाने के लिए रवाना हुआ था। अजय ने जंक्शन में रेलवे ओवरब्रिज व आईडीबीआई शाखा के पास इन्तजार कर रहे अपने जानकार सुनील डूडी निवासी सरदारपुरा जीवन के पास बाइक रोकी। तभी वहां तीन बाइक व एक स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर उसके पिता मुकेश कुमार, मामा राजेन्द्र छिम्पा, कृष्णलाल छिम्पा निवासी दीपलाना, सुभाष छिम्पा निवासी 24 एसएसडब्ल्यू व अन्य 7-8 व्यक्ति आए। उसके पति से मारपीट कर अपहरण कर लिया। इस संबंध में अजय के पिता कालूराम बरायच ने उसी दिन शाम को जंक्शन थाने में अपहरण के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया था।
दिन बीतते तो मारा जाता
आरोपियों के चंगुल से छुटे अजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि अगर कुछ दिन और वह आरोपियों के कब्जे में रहता तो मारा जाता। हत्या करने की उनकी पूरी प्लानिंग थी। आरोपियों ने उसे भविष्य में नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। अत: पुलिस प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराए।
.... पत्रिका व्यू
... तो हो जाती कई जिंदगी बर्बाद
अपह्रत युवक को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। यह ना केवल पीडि़त बल्कि एक तरह से आरोपियों के भी हक में है। गुस्से में उठाया गया अपहरण का कदम यदि युवक की हत्या में तब्दील हो जाता तो एक साथ कई जिंदगियां बर्बाद हो जाती। अपह्रत युवक अजय कुमार के के मां-बाप और पत्नी रेखा के जीवन में अंधेरा छा जाता। रेखा के गर्भ में पल रहा मासूम दुनिया में आने से पहले यतीम हो सकता था। रेखा के परिजन उसके प्रेम विवाह के फैसले से गुस्सा हैं, ठीक है कि अभिभावक के तौर पर वो गुस्सा कर सकते हैं। लेकिन जब विवाह हो गया, रेखा अपनी गृहस्थी में रच-बस गई और उसके गर्भ में नन्हीं जान पलने लगी है, ऐसे में अगर कोई अनहोनी हो जाती तो रेखा के परिजन भी जरूर पीड़ा भोगते। एक साथ परिवार के कई लोग हत्या की सजा काटते। इधर, परिवार की बेटी मां बनने से पहले विधवा होकर दुख सहती। इस तरह के मामलों में एक समय और एक हद तक सख्ती संभव है। बाद में कुछ नहीं किया जा सकता। अक्सर देखा जाता है कि क्रोध में लिए गए गलत फैसलों की आग में कई परिवार जल जाते हैं।
शरण देने वालों की जांच
पीडि़त युवक व उसकी पत्नी तथा परिवार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे हैं। हालांकि पीडि़त परिवार को नियमित रूप से धमकी मिलने जैसी बात सामने नहीं आई है। अपहरण की वारदात में जिन लोगों ने सहयोग किया तथा आरोपियों को शरण दी, उनकी जांच की जा रही है। यदि किसी और की भी संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। - डॉ. अजय सिंह, एसपी।

दो दिन में 1100 किलोमीटर से ज्यादा चले पुलिस वाहन, पुलिस से बचने को कच्चे रास्तों से गुजरे अपहरणकर्ता
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