थाना प्रभारी इंद्रकुमार ने बताया कि पालासिंह की रिपोर्ट अनुसार उसका भाई मृतक मनजीतसिंह (21) अपने गांव भोडीपुरा वकीलांवाली बस्ती जिला फिरोजपुर (पंजाब) से दो नवंबर को मुक्तसर (पंजाब) से अपने दोस्त मंदरसिंह को साथ लेकर संगरिया उपखंड के गांव मानकसर दिहाड़ी-मजदूरी करने गया था। जहां पहले से उनके गांव का रहने वाला गुरलालसिंह रायसिख (35) पुत्र जंगीरसिंह, उसकी बहन मनजीतकौर (20) नरमा चुगाई के लिए आए हुए थे। मंदरसिंह तो वापिस आ गया पर उसका भाई मनजीतसिंह के वापिस नहीं लौटने पर उन्होंने आरएफके पुलिस थाना में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई। अब उन्होंने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई तो आरोपी खुंदरगट्टी जिला फिरोजपुर निवासी केच्छी उर्फ कनेश उर्फ केसी पुत्र जीतसिंह रायसिख से पता चला कि उसने मानकसर नरमा चुगाई के लिए गए गुरलालसिंह व उसकी बहन मनजीतकौर, उनके चचेरे भाई सतनामसिंह के साथ मिलकर दो नवंबर की रात को ही लकड़ी की एक फट्टी से सिर के पीछे वार करके मनजीतसिंह को मौत के घाट उतार दिया। रेलवे स्टेशन रोही मानकसर के पास एक नरमा के खेत में फेंक दी और चारों जने वहां से चले गए।
आरोप लगाया कि चारों जनों ने मनजीतकौर के साथ उसके मृतक भाई मनजीतसिंह के कथित नाजायज संबंधों का शक होने के फेर में ही उसका कत्ल कर लाश को खुर्द-बुर्द कर दिया है। इस पर पुलिस ने सुबह खेत पहुंचकर मौके से सोलह दिनों बाद शव सड़ी-गली हालात में बरामद किया। हस्पताल में डॉक्टर्स टीम से पोस्टमॉट्र्म करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस ने हत्या करने के आरोप में गांव भोडीपुरा वकीलांवाली बस्ती जिला फिरोजपुर (पंजाब) निवासी भाई-बहन गुरलालसिंह पुत्र जंगीर सिंह व मनजीतकौर पुत्री जंगीरसिंह, उनके चचेरे भाई सतनामसिंह समेत खुंदरगट्टी जिला फिरोजपुर निवासी केच्छी उर्फ कनेश उर्फ केसी पुत्र जीतसिंह रायसिख के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, एक जने को राउंडअप कर पूछताछ कर रही है। प्रथमदृष्ट्या प्रेम-प्रसंग से मामला जुड़ा हुआ माना जा रहा है। फिर भी पुलिस इस हत्या में हर पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ रही है ताकि वास्तविकता उजागर हो सके।
मृतक के भाई पालासिंह व अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि मृतक मनजीतसिंह की 25 नवंबर को पंजाब के थाना गुरुहरसहाय के गांव मोहनके में शादी होनी थी। घर में खुशी का माहौल था। विवाह की तैयारियां चल रही थीं। जो अब मातम में बदल गया। वहीं नया मकान बनाकर उसमें तमाम सामान मृतक ने अपनी खुशी से लगवाए थे। दो नवंबर के बाद वे लोग तो उसके कहीं गुम होने पर हर जगह तलाश रहे थे। लेकिन आरोपी कनेश ने जब सोलह दिन बाद हत्या करने की बात बताई तो सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन-फानन में दौड़े तथा लाश ढूंढकर बरामद करवाई व पुलिस को बताया।