scriptदर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेल फिर से प्रयास में जुटी परिषद विवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय | Meetings held dozens of times, failed to charge fee Reconstituted coun | Patrika News

दर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेल फिर से प्रयास में जुटी परिषद विवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय

locationहनुमानगढ़Published: May 16, 2019 10:30:08 pm

Submitted by:

Anurag thareja

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दर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेलफिर से प्रयास में जुटी परिषदविवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय
हनुमानगढ़. घर-घर कचरा संग्रहण करने के नाम पर नगर परिषद ने वसूली करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय गुरुवार को नगर परिषद में सभापति कक्ष में हुई विवाह समारोह स्थल व होटल संचालकों की बैठक के दौरान लिया गया। बैठक की अध्यक्षता आयुक्त शैलेन्द्र गोदारा ने की।
 

दर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेल फिर से प्रयास में जुटी परिषद विवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय

दर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेल फिर से प्रयास में जुटी परिषद विवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय

दर्जनों बार हुई बैठकें, शुल्क वसूलने में नप फेल
फिर से प्रयास में जुटी परिषद
विवाह समारोह स्थल व होटलों संचालकों की बैठक में लिया निर्णय

हनुमानगढ़. घर-घर कचरा संग्रहण करने के नाम पर नगर परिषद ने वसूली करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय गुरुवार को नगर परिषद में सभापति कक्ष में हुई विवाह समारोह स्थल व होटल संचालकों की बैठक के दौरान लिया गया। बैठक की अध्यक्षता आयुक्त शैलेन्द्र गोदारा ने की।
कचरा संग्रहण पर शुल्क लागू करने के लिए नगर परिषद बरसों से प्रयास कर रही है, लेकिन निकाय में राजनीति हावी होने के कारण इसे लागू करने में हर बार फेल साबित हुई। 2015 में स्वच्छ भारत मिशन योजना के शुरू होने पर फिर से मेट्रो सिटी के आधार पर घरों से कचरा संग्रहण के लिए शुल्क वसूलने की तैयारी शुरू की गई थी। पार्षदों के दबाव के कारण यह निर्णय बीच में टाल दिया गया। लेकिन इक बार फिर से संचालकों की बैठक बुलाकर शुल्क वसूलने के लिए समझाइश की गई है। इधर, बैठक में मौजूद कई संचालकों ने दो टूक शब्दों में कहा कि शुल्क तभी दिया जाता है, जब नगर परिषद उसके बदले में सुविधा दे। मैरिज पैलेस, धर्मशाला, होटलों के बाहर कचरा पात्र नहीं है। जहां पड़ा हैं उसे कई दिनों तक खाली नहीं किया जाता है। इस पर आयुक्त ने कचरा पात्र उसी दिन खाली कराने का आश्वासन दिया। बैठक में कनिष्ठ अभियंता मोहन कुमार, रामकरण यादव, जगदीश सिराव आदि मौजूद रहे।
डिस्पोजल पर बैन
बैठक में संचालकों ने विवाह समारोह व चाय की दुकानों पर इस्तेमाल में आने वाले डिस्पोडल पर ही बैन लगाने की मांग की। तर्क दिया कि चाय की दुकानों पर गिलास व विवाह स्थलों में क्राकरी का इस्तेमाल होने से कचरा कम होगा। बैठक के बाद आयुक्त ने नगर परिषद के कर्मचारियों को डिस्पोजल का प्रयोग करने वाले रेहडियां, चाय की दुकानों को कचरा पात्र रखने के लिए पाबंद कर इनसे भी शुल्क वसूलने के निर्देश दिए।
लगानी होगी कंपोजिट मशीन
बैठक में विवाह समारोह स्थलों में कचरे को नष्ट करने के लिए कंपोजिट मशीन भी लगाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार यह शुल्क लिया जाएगा। इसमें
50 वर्गमीटर क्षेत्र तक के मकान से 15 रुपए, 50 वर्गमीटर से अधिक व 300 क्षेत्र वर्गमीटर तक के मकान 50 रुपए,
300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र के मकान 300 रुपए, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, दुकान, खानपान, के स्थान इसमें चाय, होटल, ढाबा संचालकों से 200 रुपए मासिक वूसले जाएंगे। गेस्ट हाउस से 500 रुपए, छात्रावास से चार सौ रुपए, होटल -रेस्टोरेन्ट से पांच सौ रुपए, बड़े होटलों से एक हजार रुपए, व्यवसायिक कार्यालय दो हजार रुपए, इसके अलावा सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा, कार्यालय, कोचिंग क्लासेज, शैक्षणिक संस्थान इत्यादि से पांच रुपए वसूलें जाएंगे। क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लेबोरेटरी 50 बेड तक 1500 रुपए, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लेबोरेटरी 50 बेड से अधिक
तीन हजार रुपए, लघु व कुटीर उद्योग वर्कशॉप अवशिष्ठ 10 किग्रा प्रतिदिन होने पर पांच सौ रुपए, कोल्ड, उत्सव हॉल, प्रदर्शनी व मेला 3000 वर्गमीटर से क्षेत्रफल तक, एक हजार रुपए शादी हॉल, उत्सव हॉल, प्रदर्शनी आदि पर कचरा होने पर वसूला जाएगा। इसी तरह विवाह समारोह स्थलों पर शादियों के दिन नगर परिषद को कचरा संग्रहण के लिए सूचना भी देनी होगी।
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