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दो दर्जन पुलिस व आरएसी जवानों ने खंगाली जेल, मिला सिर्फ एक मोबाइल फोन

locationहनुमानगढ़Published: Aug 04, 2019 06:37:37 pm

Submitted by:

adrish khan

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हनुमानगढ़. जेल में बंदियों की ओर से मोबाइल फोन सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने की मिल रही शिकायतों के बीच रविवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने जिला कारागृह का आकस्मिक निरीक्षण किया। जिला कलक्टर जाकिर हुसैन के निर्देशों पर करीब दो दर्जन पुलिस व आरएसी जवानों के साथ अधिकारियों की ओर से ली गई जेल की तलाशी के दौरान बैरक से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। हालांकि मोबाइल के अलावा बैरकों से कोई आपत्तिजनक वस्तु हाथ नहीं लगी।

Mobile phone found again in hanumangarh jail

दो दर्जन पुलिस व आरएसी जवानों ने खंगाली जेल, मिला सिर्फ एक मोबाइल फोन

दो दर्जन पुलिस व आरएसी जवानों ने खंगाली जेल, मिला सिर्फ एक मोबाइल फोन
– कलक्टर के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने किया आकस्मिक निरीक्षण
– जेल में मोबाइल फोन व नशे की बिक्री की थी शिकायतें
हनुमानगढ़. जेल में बंदियों की ओर से मोबाइल फोन सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने की मिल रही शिकायतों के बीच रविवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने जिला कारागृह का आकस्मिक निरीक्षण किया। जिला कलक्टर जाकिर हुसैन के निर्देशों पर करीब दो दर्जन पुलिस व आरएसी जवानों के साथ अधिकारियों की ओर से ली गई जेल की तलाशी के दौरान बैरक से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। हालांकि मोबाइल के अलावा बैरकों से कोई आपत्तिजनक वस्तु हाथ नहीं लगी। बताया जा रहा है कि उक्त मोबाइल फोन बैरक में एक बंदी के थैले से बरामद हुआ। जंक्शन पुलिस मोबाइल मिलने के मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार जिला कलक्टर जाकिर हुसैन को जंक्शन स्थित जिला कारागृह में बंदियों की ओर से मोबाइल फोन सहित अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली थी। इस पर जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी कपिल यादव को जिला कारागृह का आकस्मिक निरीक्षण करने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया। रविवार को सुबह करीब साढ़े 11 बजे एसडीएम यादव व पुलिस उप अधीक्षक अन्तर सिंह श्योराण के नेतृत्व में जंक्शन थाना प्रभारी धीरेन्द्र सिंह शेखावत, महिला थाना प्रभारी बहादुर सिंह शेखावत, टाउन थाने के उप निरीक्षक अनिल कुमार चिंदा व सदर थाने के सहायक उप निरीक्षक रामकेश के नेतृत्व में करीब दो दर्जन पुलिस व आरएसी के जवान अचानक जिला कारागृह पहुंचे। इसके बाद आठ अधिकारियों के नेतृत्व में जेल में सभी आठ बैरकों की तलाशी के लिए टीमें बनाकर बैरकों की तलाशी शुरू की गई। उधर, जेल के आकस्मिक निरीक्षण से एक बारगी जेल में हड़कम्प मच गया। निरीक्षण के दौरान बैरक में एक बंदी के थैले से पुलिस जवानों ने एक मोबाइल जब्त किया। जिला कारागाह का संयुक्त टीम की ओर से करीब डेढ़ घंटे तक निरीक्षण किया गया। इस दौरान बाहर से जेल के अंदर सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया। एसडीएम यादव के अनुसार मोबाइल के अलावा कोई भी आपत्तिजनक सामान बैरकों से नहीं मिला। न ही किसी बंदी ने कोई शिकायत की। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी जेल का इसी तरह औचक निरीक्षण किया जाता रहेगा। निरीक्षण टीम में जंक्शन थाने के एएसआई शम्भूदयाल स्वामी, एएसआई सूरजभान, एएसआई रामेश्वरलाल, एएसआई नाथूलाल, पटवारी तरसेम सिंह, आरएसी और जंक्शन थाने के दस-दस जवान और टाउन थाने के चार जवान शामिल थे। निरीक्षण के दौरान जेल के उप कारापाल सुरेश कुमार भी मौजूद थे। हालांकि मोबाइल बरामदगी के संबंध में देर शाम तक जंक्शन थाने में किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं हुआ था। जंक्शन थाना प्रभारी शेखावत के अनुसार जेल से संदिग्ध मिले मोबाइल की जांच की जा रही है।
जयपुर से आई टीम के निरीक्षण में मिले थे बीस मोबाइल
जेल में बंदियों से व लावारिस हालत में मोबाइल बरामद होना नई बात नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 व 2019 में अब तक कई बार जेल की तलाशी ली जा चुकी है। करीब डेढ़ वर्ष के अंतराल में ही अब तक करीब 50 के करीब मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं। इसके अलावा हजारों की नकदी व अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद हो चुका है। 6 मई 2018 को जयपुर से आई तीन सदस्यीय विशेष टीम ने जिला कारागृह का करीब साढ़े चार घंटे तक औचक निरीक्षण किया था। तब जांच दल को जेल परिसर, बैरक तथा कैदियों के कब्जे से बीस मोबाइल फोन मिले थे। साथ ही हजारों की नकदी व अन्य आपत्तिजनक सामान भी मिला था। इस संबंध में जंक्शन पुलिस थाने में 17 कैदियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज हुआ था। दो बंदियों के पास से दो-दो मोबाइल बरामद हुए थे। एक मोबाइल जेल परिसर में छिपाया हुआ मिला था।
सिर्फ बैरक की ही तलाशी क्यों?
जानकारी के अनुसार रविवार को प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने सिर्फ बैरक ही खंगाले। इसके अलावा जेल परिसर का निरीक्षण नहीं किया। अगर जेल परिसर का निरीक्षण किया जाता तो मोबाइल व अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद होने की संभावना थी। क्योंकि जेल से मोबाइल बरामदगी के मामलों में कई ऐसे मामले भी सामने आए थे, जिनमें बैरक ही नहीं जेल परिसर में इधर-उधर छिपाकर रखे गए मोबाइल फोन भी बरामद हुए थे।
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