उज्जवला क्लब अध्यक्ष जुगल स्वामी से मिली जानकारी के अनुसार कच्चे मकान में राजेन्द्रकुमार (50) पुत्र रामरख, उसकी पत्नी रानी (45), पुत्री सोनू (15), पुत्र सुंदरपाल (13) एवं पुत्री मनीषा (7) रोज की तरह गुरुवार रात खाना खाकर सोए हुए थे। रात को हुई बरसात के बाद शुक्रवार तडक़े करीब पांच बजे अचानक से कच्ची छत भरभराकर ढह गई।
पूरा मलबा सो रहे परिवार एवं कमरे में रखे सामान पर आ गिरा। जैसे ही शोर व धमाका हुआ पड़ोसियों ने भागकर उन्हें संभाल लिया। जिससे रानी की कमर पर काफी चोटें आई लेकिन शेष मामूली चोटें आने से बाल-बाल बच गए। हालांकि घरेलू सामान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
परिजनों ने ये आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2011 में उनका परिवार चयनित हुआ। लेकिन पात्र होने के बावजूद उन्हें लाभ नहीं मिला। जिसके चलते परिवार एक टूटे व कच्चे मकान में अपने दिन जैसे-तैसे बिता रहा था। हादसे के बाद गरीब परिवार अब बेघर हो गया है।
इनका कहना है
यदि परिवार चयनित है तो उन्हें शीघ्र ही आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत करवा लाभान्वित किया जाएगा। बीएल स्वामी बीडीओ पंचायत समिति संगरिया पटवारी आत्माराम भिड़ासरा मौके पर गए हैं। यथा स्थिति की रिपोर्ट तैयार करवा रहा हूं। सरकारी नियमानुसार पीडि़त परिवार को मुआवजा/सहायता राशि दिलाने का भरसक प्रयास रहेगा।