पहले टरकाया, भीड़ में आए तो १२०० की जगह मिला १७०० क्यूसेक पानी मुख्य अभियन्ता से हुई वार्ता बेनतीजा रहने के बाद गांव खैरूवाला के पूर्व सरपंच पालाराम ने कहा कि उन्होंने चीफ से बात की कि भाखड़ा की नहरों को २६ मार्च से बंद किया जा रहा है। इस बंदी को ३ अप्रेल तक बढ़ाया जाए ताकि पूरे भाखड़ा क्षेत्र की गेहूं पकाई जा सके। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी टस से मस नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि हर बार देखा गया है कि जब भी थोड़ी संख्या में किसान पानी की मांग करने आते हैं तो सिंचाई विभाग हर बार यह कहकर टरका देता है कि डैम में पानी नहीं है। लेकिन जब किसान पूरी भीड़ के साथ आता है तो रातोंरात ही डैम भर जाते हैं और किसानों को मांग से अधिक पानी दे दिया जाता है। किसान पानी तो १२०० क्यूसेक मांगते हैं लेकिन भीड़ आने पर १७०० क्यूसेक पानी दे दिया जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पिछली भाजपा सरकार के समय किसान दिसम्बर २०१८ में पानी मांगने आए थे। लेकिन तब भी विभाग ने डैम में पानी कम बताते हुए किसानों को टरका दे दिया। लेकिन किसान गांवों में गए तथा तैयारी कर २० हजार की भीड़ के साथ जिला कलक्ट्रेट का घेराव किया तो रातोंरात १२०० क्यूसेक की जगह १७०० क्यूसेक पानी मिल गया।