ज्ञापन के अनुसार उपखंड क्षेत्र के चक 3 बीएचएम बी व 4 बीएचएम में प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग को एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा बारी बारी से घुमाकर मोड़ दिया जाकर भू माफिया को लाभ पहुंचाया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 754 के लिए अधिकृत की गई भूमि में निर्माण से पूर्व कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से जुड़े अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर असिंचिंत भूमि खरीद कर भू रूपांतरण करवा लिया गया। उन्हीं लोगों को फायदा पहुंचाने की नीयत से अवार्ड जारी होने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा सड़क में बार बार मोड़ दिया जा रहा है।
पीडि़त किसानों ने उपखंड अधिकारी को बताया कि प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए अधिग्रहण की जा रही भूमि का बाजार मूल्य करीब 15 से 20 लाख रूपए होने के बावजूद भी एनएचएआई के अधिकारियों ने डीएलसी रेट के हिसाब से महज दो तीन लाख का अवार्ड बनाकर राज्य सरकार को भिजवाया गया है। वहीं भू माफियाओं ने अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर असिंचित भूमि के भी करोड़ों रुपए का अवार्ड पारित करवा लिया गया।
उपखंड अधिकारी ने राजमार्ग के लिए सर्वे कर रही कंपनी अधिकारियों को मौके पर ही बुलवाकर अवार्ड जारी होने के पश्चात राजमार्ग में बार बार मोड़ देने का कारण लिखित में पेश कर अवगत करवाने को कहा। उन्होंने उपस्थित पीडि़त किसानों को भी अपनी समस्याओं को विस्तृत रूप में देने का आग्रह करते हुए उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में सुरेंद्र शर्मा, पालाराम पूनियां, सुशील गोदारा, बृजेश सहारण, रोशनलाल छाछिया, देवीलाल गोदारा, अर्जुन बगडिय़ा, उग्रसेन भादू, बनवारी लाल सहित अन्य सैंकड़ो किसान उपस्थित थे।(नसं.)