इससे समय और धन की बचत होगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव आशा चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए चार हजार से अधिक मामले चिन्हित किए गए हैं। इनकी सुनवाई कर मौके पर फैसले सुनाने की तैयारी है। इसे लेकर जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों की अध्यक्षता में कुल 22 बैंच बनाई गई है। राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार के लिए 113 पैरालीगल वॉलिंयटर्स बनाए गए हैं।
वर्ष 2018 में अब तक दो राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा चुका है। गत 22 अप्रेल 2018 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले की कुल 454 मामलों का निस्तारण किया गया था। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत लोक अदालत को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। जिसके अनुसार लोक अदालत की ओर से लिए गए फैसले अंतिम होते हैं।
लोक अदालत में यह मामले
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव आशा चौधरी ने बताया कि 14 जुलाई को लगने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में वैवाहिक और पारिवारिक विवाद, मोटर दुर्घटना, दिवानी, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, भूमि अधिग्रहण मामले (केवल जिला एवं उच्च न्यायालय में लंबित), श्रम विभाग, बैंक वसूली, धारा 138 एनआई एक्ट, मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबधित सेवा, बिजली और पानी के बिल के मामले, राजस्व व उपरोक्त से संबंधित प्रीलिटिगेशन मामले लिए जाते हैं। लोक अदालत से समय व धन की बचत तो होती है साथ ही राजीनामा होने से रिश्ते भी पूर्ववत बने रहते हैं। कोर्ट फीस भी वापिस दी जाती है।