2015 में कायाकल्प प्रतियोगिता में अस्पताल ने दूसरा स्थान हासिल किया था। इसके बाद 2016 में पहला स्थान पर रहा था। पहले स्थान पर आने के बाद अस्पताल स्वत: ही प्रतियोगिता से बाहर हो गया था। इसके बाद अस्पताल ने क्वालिटी एंश्योरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने की तैयारियों में जुट गया। इस प्रतियोगिता के लिए डॉ. शंकर सोनी को प्रभारी नियुक्त किया गया। 2017 में पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा का तबादला हो गया और तत्कालीन पीएमओ डॉ. नजेंद्र सिंह व डॉ. दीपक मित्र सैनी व डॉ. शंकर सोनी सहित स्टाफ ने क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट लेने के लिए गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किया। वर्तमान में पीएमओ डॉ. शर्मा व डॉ. सोनी ने निर्देशन में अस्पताल की टीम ने गाइडलाइन के अनुसार सुविधाओं का विस्तार करते हुए जिला अस्पताल ने सर्टिफिकेट हासिल किया।
राष्ट्रीय स्तर पर आई टीम के सदस्यों ने अस्पताल के 18 विभागों की जांच की थी। इसमें एमसीएच यूनिट, एसएनसीयू, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट यूनिट, फायर फाइटिंग सिस्टम, ट्रोमा सेंटर, रिकार्ड रूम आदि में व्यवस्था की बारिकी से जांच करते हुए 81 प्रतिशत अंक दिए हैं। इस सर्टिफिकेट की गाइडलाइन के अनुसार जिला अस्पताल को प्रत्येक बैड के लिए प्रत्येक वर्ष दस हजार रुपए भारत सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा। वर्तमान में जिला अस्पताल में 307 बैड हैं। इसके चलते प्रेत्यक वर्ष तीस लाख सत्तर हजार रुपए का अनुदान मिलेगा।