scriptगांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत | Need to assimilate in life with listening to Gandhi's thoughts | Patrika News
हनुमानगढ़

गांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष के क्रम में मंगलवार को सत्याग्रह और गांधीजी के प्रयोग विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन टाउन स्थित एनएमपीजी कॉलेज परिसर में किया गया। मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता भूपेंद्र चौधरी और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति के सहसंयोजक तरूण विजय थे।
 

हनुमानगढ़Sep 14, 2021 / 08:28 pm

Purushottam Jha

गांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत

गांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत

गांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत
-सत्याग्रह सप्ताह के तहत आयोजित जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में बोले वक्ता

हनुमानगढ़. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष के क्रम में मंगलवार को सत्याग्रह और गांधीजी के प्रयोग विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन टाउन स्थित एनएमपीजी कॉलेज परिसर में किया गया। मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता भूपेंद्र चौधरी और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति के सहसंयोजक तरूण विजय थे। मुख्य व्यक्ता बीकानेर से आए एसोसिएट प्रोफेसर विजय ऐरी और विशिष्ठ अतिथि पीआरओ सुरेश बिश्नोई, गुरमीत चंदड़ा, अश्विनी पारीक, पार्षद मनोज सैनी,बलराज सिंह थे। अध्यक्षता एनएमपीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नरेन्द्र सिंह भांभू ने की। मुख्य अतिथि भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि ना केवल युवा पीढ़ी बल्कि आमजन को भी गांधी जी के विचारों को ना केवल सुनने की बल्कि उसे अपने जीवन में उतारने और आत्मसात की आवश्यकता है। समिति के सह संयोजक तरूण विजय ने कहा कि गांधी जी के सत्याग्रह को ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व के विभिन्न आंदोलन में भी अपनाया गया। गांधी जी ने सत्याग्रह के बल पर अहिंसा के जरिए भारत को एक सूत्र में पिरोते हुए अंग्रेजों से आजादी दिलाई। एसोसिएट प्रोफेसर विजय ऐरी ने कहा कि आज विश्व के 199 देशों में गांधी की स्टेच्यू बनी है। दुनिया की 135 विभिन्न यूनिवर्सिटी में गांधी को पढ़ाया जाता है। गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा के बल पर हजारों साल की गुलामी से भारत को आजाद करवाया। सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेश बिश्नोई ने कहा कि गांधीजी ने सत्याग्रह का पहला प्रयोग चंपारण आंदोलन में किया और वह पूर्णतय सफल रहा। बाद में उन्होने आजादी के लिए सत्याग्रह के जरिए विभिन्न आंदोलन चलाए जो सफल रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. नरेंद्र सिंह भांभू ने बताया कि जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों और कॉलेजों से दो-दो विद्यार्थियों ने भाग लिया। विजेता रहे विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर एमडी कॉलेज पल्लू की जयश्री शर्मा, द्वितीय स्थान पर रेयान कॉलेज की भूमिका स्वामी और तीसरे स्थान पर बेबी हैप्पी कॉलेज की लवप्रीत कौर रही। डॉ. विनोद कुमार जांगिड़, शिशुपाल, भागवंती, भावना, सोहनलाल, विनोद खुडि़वाल, हीरालाल बिश्नोई, ज्ञान बिश्नोई, राजकुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सिद्धार्थ राव एवं मनदीप कौर ने किया। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका साहित्यकार दीनदयाल शर्मा एवं सेवानिवृत्त सह आचार्य डॉ. मधुरिमा सिंह ने निभाई।

Home / Hanumangarh / गांधी के विचारों को सुनने के साथ जीवन में आत्मसात करने की जरूरत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो