जीएम आधारित खाद्य तेल व बेबी फूड बेचने पर केंद्र सरकार को नोटिस –हाईकोर्ट में अभय सिंगला व अन्य ने लगाई याचिका
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जीएम आधारित खाद्य तेल व बेबी फूड बेचने पर केंद्र सरकार को नोटिस
जीएम आधारित खाद्य तेल व बेबी फूड बेचने पर केंद्र सरकार को नोटिस
–हाईकोर्ट में अभय सिंगला व अन्य ने लगाई याचिका
संगरिया. एडवोकेट अभय सिंगला, कृतेश ओसवाल व दिपेश ओसवाल द्वारा देश में जीएम(जेनिटिकली मोडिफाइड) फूड बिकने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में लगाई जनहित याचिका पर कोर्ट ने केबिनेट सचिव, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व केंद्रीय उपभोक्ता मामलात मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण(एफएसएसएआई) व इस मामले से जुड़ी केंद्र सरकार की कमेटी जीइएसी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जीएम फसलों को अनुमति नहीं होने के बाद भी इनसे खाद्य पदार्थो का उत्पादन, आयात व बिक्री कैसे हो रही है और क्यों न इनकी बिक्री, उत्पादन व आयात पर पाबंदी लगा दी जाए। ?
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश एनएस ढडढा की खण्डपीठ ने जनहित पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से कहा गया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत जीएम फसलों के उत्पादन, उनसे बने खाद्य पदार्थो का आयात, वितरण और बिक्री की अनुमति नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी फरवरी 2018 में लोकसभा में यह जवाब दे चुका है कि जीएम फूड को लेकर कोई नियम-विनियम नहीं है। प्रार्थीपक्ष का कहना था कि इस स्थिति के बावजूद जीएम फसलों से तैयार खाद्य पदार्थो को आयात कर कुछ कम्पनियां भारत में बेच रही है जिससे लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा है। याचिका में सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरमेंट की रिर्पोट के हवाले से कहा गया कि संस्थान द्वारा बाजार में बिक रहे 65 खाद्य पदार्थो के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई जिनमें 16 खाद्य तेल, 39 डिब्बाबंद खाना व 8 बच्चों के खाद्य पदार्थ व दो पोष्टिक आहार थे। इनमें से 21 खाद्य पदार्थो में जीएम फसलों पर आधारित पाए गए।(नस.)