इसी माह पांच मई को सरकार ने वसूली को लेकर निर्देश जारी किया था। इसमें एमएसपी से अलग फसलों की बात करें तो पांच से १६ मई तक जिले की भादरा मंडी में ०.९४, गोलूवाला में १.२०, हनुमानगढ़ में ७.०१, नोहर में १.७८, पीलीबंगा में १.९३, रावतसर में ०.३३, संगरिया में ०.८५ लाख रुपए किसान कल्याण फीस मद मेें वसूलनीय है। जबकि समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीद की एवज में लाखों रुपए अलग से किसान कल्याण फीस मद में जमा होंगे।
पहले के आदेश के मुताबिक हनुमागनढ़ जिले से साठ करोड़ व इतना ही श्रीगंगानगर जिले से राजस्व प्राप्त होने का अनुमान था। लेकिन अब किसान कल्याण फीस वसूली के संशोधित आदेश के लागू होने पर दोनों जिलों से आधी राशि ही सरकारी खजाने में जमा हो पाएगी। इससे कृषि क्षेत्र की बड़ी आमदनी मंडी में व्यापारियों व अन्य खरीद एजेंसियों के पास रह सकेगी। व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी सभी तरह के टैक्स जोडक़र फिर फसल का भाव लगाते हैं। ऐसे में आमजनता को भी फीस कमी का लाभ मिलेगा।
-हनुमानगढ़ जिले से पहले ६० करोड़ वसूली का था अनुमान।
-अब फीस आधी करने से ३० से ३५ करोड़ वसूले जाने की उम्मीद।
-०५ मई को सरकार ने पहली बार किसान कल्याण फीस वसूली का जारी किया था निर्देश।
-२२ मई को सरकार ने जारी किया संशोधित आदेश।
कृषक कल्याण फीस में कमी करने से अब इस मद में पहले की तुलना में आधी राशि ही जमा हो जा सकेगी। दो रुपए के हिसाब से पूर्व में करीब साठ करोड़ की वसूली का अनुमान था, जो अब ३० से ३५ करोड़ के बीच होगी। संशोधित आदेश लागू हो गया है।
-सुभाष सहारण, उप निदेशक, कृषि विपणन विभाग हनुमानगढ़
किसान कल्याण फीस में कमी करने से सबको राहत मिली है। खरीद एजेंसी को पहले दो रुपए प्रति सैंकड़ा शुल्क देना होता था, अब एक रुपए देने से एक रुपए बच जाएगा। इस तरह करोड़ों रुपए मंडी में ही रहेगा।
महावीर सहारण, अध्यक्ष, फूडग्रेन व्यापार मंडल हनुमानगढ़