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भटनेर के किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी में, कृषि बिलों को लेकर शांत बैठे हनुमानगढ़ जिले के किसानों में भी अब हलचल

locationहनुमानगढ़Published: Dec 02, 2020 10:27:37 am

Submitted by:

Purushottam Jha

केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीनों कृषि बिलों का किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं।
 

भटनेर के किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी में, कृषि बिलों को लेकर शांत बैठे हनुमानगढ़ जिले के किसानों में भी अब हलचल

भटनेर के किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी में, कृषि बिलों को लेकर शांत बैठे हनुमानगढ़ जिले के किसानों में भी अब हलचल

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीनों कृषि बिलों का किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। गत दिनों राजस्थान में इसके विरोध में स्वर खूब बुलंद हुए थे। लेकिन एक सप्ताह बाद ही विरोध के स्वर थमने के बाद अब पंजाब के किसान राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। दिल्ली सीमा पर चल रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए हनुमानगढ़ जिले से भी किसान पहुंचने लगे हैं। भटनेर के किसान भी दल-बल के साथ दिल्ली कूच के प्रयास में हैं। इसी क्रम में किसान नेता चरणजीत सिंह शेरगढ़ के नेतृत्व में किसानों के दल को दिल्ली के लिए रवाना किया गया है।

इसमें किसान चार महीने का राशन भी साथ लेकर गए हैं। किसान नेता चरणजीत सिंह ने बताया कि दिल्ली आंदोलन के संदर्भ में बुधवार को किसानों की बैठक बुलाई गई है। इसमें विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। गौरतलब है कि हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिला कृषि प्रधान है। यहां हजारों किसान खेती करके की जीवन यापन कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने तीन कृषि बिल जो लागू किए हैं, उसमें समर्थन मूल्य की गारंटी कहीं नहीं दी है। संविदा खेती को बढ़ावा देने के साथ ही मंडी व मंडी के बाहर भी फसल खरीद का नियम लागू किया है। साथ ही स्टॉक सीमा भी खत्म कर दी है।

कृषि बिल में समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं देने के कारण किसान दुनिया के बाजार में खुद को असुरक्षित मान रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार इस समय कृषि बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के नाम पर पीछे हट रही है। केंद्र सरकार बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य की बाध्यता लागू करने की शर्त को शामिल करने से साफ तौर पर इनकार कर रही है। जिसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं।

जहां कहीं भी किसान-मजदूरों की बात आती है वहां हमारे कार्यकर्ता लाल झंडा लेकर किसानों-मजदूरों के साथ खड़े नजर आते हैं। माकपा कार्यकर्ता सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कई सालों से संघर्षरत है। कभी ऐसा दिन नहीं आया जब माकपा कार्यकर्ता जनता की समस्याओं को लेकर सड़कों पर नहीं उतरे हों। यह बात मंगलवार को पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने मीडिया से बातचीत में कही। जंक्शन में पूर्व विधायक दुग्गल ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में बैठकर केंद्र सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है।

उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान की बात नहीं सुनी जा रही। उनकी बात सुनने की बजाय कहा जा रहा है कि यह खालिस्तानी हैं। वहां किसानों पर पानी की बौछारें की जा रही हैं और यहां भाजपा के लोग वोट मांगते घूम रहे हैं, यह अजीब स्थिति है। दुग्गल ने राज्य की गहलोत सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाया। साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज के बिजली बिल माफ कर दिए लेकिन जिस गरीब के घर में एक बल्ब है। उसका बिल माफ करना तो दूर की बात, चार-चार गुना राशि लगाकर बिल भेजे जा रहे हैं। इस नीति का हम लगातार विरोध कर रहे हैं।

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