scriptअब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान | Now license will have to be taken for this too, people are surprised b | Patrika News

अब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान

locationहनुमानगढ़Published: May 22, 2022 11:43:27 am

Submitted by:

adrish khan

अब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान- एक हजार रुपए लगेगा शुल्क, हर वर्ष करवाना होगा नवीनीकरणहनुमानगढ़. घरों में गाय व भेंस रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए बकायदा शुल्क जमा करवाना होगा।

अब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान

अब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान


अब इसके लिए भी लेना होगा लाइसेंस, नए नियमों से लोग हैरान
– एक हजार रुपए लगेगा शुल्क, हर वर्ष करवाना होगा नवीनीकरण
हनुमानगढ़. घरों में गाय व भेंस रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए बकायदा शुल्क जमा करवाना होगा। हर वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना होगा। इतना ही नहीं एक घर में एक गाय से अधिक भी नहीं रख सकेंगे और न ही इसका दूध बेच सकेंगे। गाय व भेंस का दूध बेचने पर इसे व्यवसाय की श्रेणी में माना जाएगा। यह फरमान राज्य सरकार ने जारी किया है। इसके लिए नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिका क्षेत्र में पशुघर मानक एवं निराश्रित पशु नियंत्रण २०२२ को लागू किया गया है। स्वायत्त शासन विभाग ने इसके लिए बॉयलॉज जारी किया है। कोई भी व्यक्ति नगर परिषद सीमा में एक गाय मय बच्चा अथवा एक भैंस मय बच्चा दोनों में से एक पशु में से एक पशु के लिए पशुघर के रूप में किसी भी स्थान को प्रयुक्त करता है तो इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन फार्म के साथ प्रस्तावित स्थान की दो प्रतियों में मानचित्र भी प्रस्तुत करना होगा।
निकाय करेगी निरीक्षण
आवेदन करने के पश्चात नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषद के संबंधित कर्मचारी मौका का निरीक्षण करेंगे। इसमें पशुधन को रखने का प्रस्तावित स्थान उपर्युक्त होना चाहिए। पड़ोसी व मोहल्ले को लोगों के स्वास्थ्य व स्वच्छ वातावरण को कोई खतरा नहीं होगा। पशुपालक को लाइसेंस लेने के लिए शपथ पत्र, पशुधन सहायक की मौका रिपोर्ट, भूखंड का पट्टा, किरयानामा, बिजली व पानी के बिलों की प्रति व पशु का टीकाकरण कार्ड दस्तावेज आवेदन फार्म के साथ प्रस्तुत करने होंगे।

एक हजार रुपए शुल्क
लाइसेंस जारी होने से पहले आवेदनकर्ता को निर्धारित शुल्क जमा करवाना होगा। अनुज्ञार्थी की ओर से निर्धारित शुल्क जमा करवाए जाने पर ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। राज्य सरकार ने एक हजार रुपए प्रति वर्ष प्रति पशु निधार्रित किया है और हर वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना होगा। यह लाइसेंस प्रत्येक वर्ष के ३१ मार्च तक ही मान्य होगा।

तीन हजार रुपए लगेगा जुमार्ना
घर में रखने के वाला पशु के टेंगिंग करनी होगी और इस पर मालिक का नाम, पता व फोन नंबर भी अंकित करना होगा। जिन पशुओं की टेंगिग व मालिक का नाम नहीं होगा। उस पशु को स्थानीय निकाय के कर्मचारी नगर परिषद के कांजी हाउस, गोशाला में ले जाएंगे। प्रथम बार ऐसा होनेे पर तीन हजार रुपए जुमार्ना लगेगा और दूसरी बार होने पर ४५०० रुपए जुमार्ना लगेगा। इसके अलावा पशु को गोशाला व कांजी हाउस में लेजाने पर संबंधित निकाय ४०० रुपए परिवहन राशि व १०० रुपए प्रतिदिन चारे की भी वसूल करेगी। यह जुमार्ना राशि देने के बाद ही पशु को उसके मालिक को लौटाया जाएगा।
इन्हें नहीं लेना होगा लाइसेंस
नगर निकाय की ओर से संचालित कांजी हाउस, धर्मार्थ रजिस्टर्ड गोशाला संचालकों को लाइसेंस नहीं लेना होगा। किसी भी शिक्षण संस्था, धार्मिक संस्था या जनहित में स्थापित अन्य संस्था की ओर से संचालित पशुग्रह को लाइसेंस आधी दरों पर जारी किया जाएगा।

शर्तों तले दबेगा पशुधन मालिक
प्रत्येक पशु के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल १०० वर्गगज होना चाहिए। लाइसेंस इस शर्त पर दिया जाएगा कि वो पशुधन से कोई व्यापारिक गतिविधियां संचालित नहीं करेगा। दूध से निर्मित कोई भी खाद्य पदार्थ आदि की बिक्री नहीं करेगा। लाइसेंसधारी स्वयं के उपयोग के लिए पशु रख सकेगा।
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