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आक्रोश दिवस मनाते हुए नर्सेज ने लगाई गुहार, अब हमारी भी सुन लो सरकार

locationहनुमानगढ़Published: May 12, 2021 10:37:29 pm

Submitted by:

adrish khan

हनुमानगढ़. विश्वव्यापी महामारी संकट में निरंतर मानवता की सेवा में जुटे नर्सिंगकर्मियों ने बुधवार को फ्लोरेंस नाइटेंगल जयंती को नर्सिंग दिवस की बजाय आक्रोश दिवस के रूप में मनाया। फ्लोरेंस नाइटेंगल का स्मरण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

आक्रोश दिवस मनाते हुए नर्सेज ने लगाई गुहार, अब हमारी भी सुन लो सरकार

आक्रोश दिवस मनाते हुए नर्सेज ने लगाई गुहार, अब हमारी भी सुन लो सरकार

आक्रोश दिवस मनाते हुए नर्सेज ने लगाई गुहार, अब हमारी भी सुन लो सरकार
– नर्सिंगकर्मियों ने आक्रोश दिवस के रूप में मनाया नर्सिंग दिवस
– काली पट्टी बांधकर तैनात रहे ड्यूटी पर, 11 सूत्री मांग पत्र पर शीघ्र कार्रवाई की मांग
हनुमानगढ़. विश्वव्यापी महामारी संकट में निरंतर मानवता की सेवा में जुटे नर्सिंगकर्मियों ने बुधवार को फ्लोरेंस नाइटेंगल जयंती को नर्सिंग दिवस की बजाय आक्रोश दिवस के रूप में मनाया। फ्लोरेंस नाइटेंगल का स्मरण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। कोरोना संकट में रोगियों की निरंतर पूरी संवेदनशीलता से सेवा करने का संकल्प किया गया। साथ ही नर्सिंगकर्मियों ने राज्य सरकार से गुहार लगाई कि उनके बरसों से लम्बित 11 सूत्री मांग पत्र पर शीघ्रता से सकारात्मक निर्णय कर उत्साहवद्र्धन किया जाए। इसके अलावा नर्सिंग दिवस पर राजकीय अस्पतालों में विभिन्न तरह का सहयोग भी किया गया। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने भी नर्सिंग कर्मियों को हौसला बढ़ाते हुए नर्सिंगकर्मियों के लिए अपील जारी की।
राजकीय जिला अस्पताल में राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी तथा पूर्व अध्यक्ष गुगन सहारण की अध्यक्षता में संक्षिप्त कार्यक्रम हुआ। इसमें फ्लोरेंस नाइटेंगल के चित्र पर कैंडल जलाकर एवं पुष्प अर्पित कर उनको याद किया गया। निरंतर पूरे मनोयोग रोगियों की सेवा का संकल्प किया गया। साथ ही राज्य सरकार से 11 सूत्री मांग पत्र पर शीघ्र निर्णय करने की मांग की गई। नर्सेज एसोसिएशन जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी तथा पूर्व अध्यक्ष गुगन सहारण ने बताया कि नर्सेज के पदनाम केन्द्र के अनुरूप करने की मांग सहित 11 सूत्री मांग पत्र पर कार्रवाई की मांग लम्बे समय से की जा रही है। मगर राज्य सरकार इस पर निर्णय नहीं कर रही है। इससे नर्सिंगकर्मियों में नाराजगी है। इसीलिए नर्सिंगकर्मियों को अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए इस बार नर्सिंग दिवस को आक्रोश दिवस के रूप में मनाना पड़ा है।
सेवा से बचा रहे लोगों की जान
पूरे विश्व में नर्सिंग को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। एक साल से ज्यादा समय से कोरोना महामारी में नर्सिंगकर्मी पूर्ण निष्ठा और समर्पण भावना के साथ पीडि़त मानवता की सेवा कर रहे हैं। वे चिकित्सक व रोगी के बीच सेतू के रूप में समर्पित भाव से जिम्मेदारी निभा रहे हैं। नर्सिंगकर्मी जिले में महामारी का डटकर मुकाबला करते हुए सैकड़ों लोगों की जान बचा रहे हैं।
फ्लोरेंस नाइटेंगल ने अपनी सेवा व समर्पण भावना से विश्व इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। युद्धकाल में दवाइयों एवं स्टाफ की कमी के बावजूद अदम्य साहस का परिचय दिया। जिले के सभी नर्सिंगकर्मियों को नर्सिंग दिवस की बधाई देता हूं। आशा करता हूं कि आगे भी आप सब यूं ही समर्पण व त्याग से मानवता की सेवा करते रहेंगे। – नथमल डिडेल, जिला कलक्टर।
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