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गड़बड़ी रोकने में अफसर फेल

locationहनुमानगढ़Published: Sep 11, 2019 11:14:17 am

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. लाख दावों के बावजूद मनरेगा में गड़बड़ी नहीं रुक रही। जिले के हालात ऐसे हैं कि जहां भी हाथ रखो, वहीं पर गड़बड़ी निकल कर सामने आ रही है। योजना की नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण इसमें भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गत सप्ताह की बात करें तो संगरिया में अनियमितता के चलते आठ मेट हटा दिए गए।
 

गड़बड़ी रोकने में अफसर फेल

गड़बड़ी रोकने में अफसर फेल


-मनरेगा में जहां हाथ रखो वहीं निकल कर सामने आ रही अनियमितता
-श्रमिकों को पूरा भुगतान दिलाने में फिसड्डी साबित हो रहा सिस्टम
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हनुमानगढ़. लाख दावों के बावजूद मनरेगा में गड़बड़ी नहीं रुक रही। जिले के हालात ऐसे हैं कि जहां भी हाथ रखो, वहीं पर गड़बड़ी निकल कर सामने आ रही है। योजना की नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण इसमें भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गत सप्ताह की बात करें तो संगरिया में अनियमितता के चलते आठ मेट हटा दिए गए। कुछ जगह मैट को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई भी की गई। हनुमानगढ़ के धौलीपाल व रोड़ावाली सहित अन्य जगह मनरेगा कार्य स्थलों को जांचने पर कई श्रमिकों के गैर हाजिर मिलने की शिकायतें भी सामने आई है।
वहीं दूसरी तरफ स्थिति यह है कि जो श्रमिक ईमानदारी पूर्वक अपना टॉस्क पूरा करने को लेकर आवेदन करते हैं उन्हें संबंधित पंचायत समितियों की ओर से पूरे समय काम ही नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में पूरी मजदूरी मिलने की बात ही बेमानी लगती है। जिला परिषद सूत्रों के अनुसार हनुमानगढ़ जिले में १०० दिन रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या ३६००० के करीब है। श्रमिकों को नियमानुसार १९९ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी देने का नियम है। लेकिन हनुमानगढ़ जिले में सभी श्रमिकों को जोर मारकर औसतन १४० रुपए से अधिक मजदूरी नहीं मिल रही है। श्रमिकों को कम मजदूरी का भुगतान करने पर प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अफसरों के सामने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। बावजूद पंचायतीराज विभाग के अफसर बेबस श्रमिकों के हाथों को रोजगार दिलाने के प्रति गंभीरता नहीं बरत रहे हैं।
चल रही जुगलबंदी
मनरेगा कार्य को जांचने में जिला व पंचायत स्तर के अफसर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके कारण कई जगह मेट सहित अन्य स्टॉफ की जुगलबंदी के चलते मनरेगा योजना में ठेंगा दिखाया जा रहा है। कई जेईएन तो ऐसे हैं जो बरसों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। स्थिति यह है कि मनरेगा में पात्र श्रमिकों को पूरी मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं मिल रहा है, इस सवाल का तार्किक जवाब किसी भी जिम्मेदार अफसर के पास नहीं है।
दो लाख ८२ हजार जॉबकार्ड
हनुमानगढ़ जिले में मनरेगा के तहत दो लाख ८२ हजार ५३३ जॉब कॉर्ड बनाए गए हैं। इनमें सितम्बर माह में अभी तक औसतन ६३ हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिले में चालू वर्ष का मनरेगा प्लान १००००.२४ लाख रुपए का है। इसमें श्रम मद में ८०११.९५ लाख व सामग्री मद में १२४४.८९ लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
……..वर्जन……
बदल रहे कार्यक्षेत्र
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मनरेगा की सही मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण भादरा मेें बीडीओ का चार्ज बदला गया है। इसके अलावा सघन अभियान चलाकर कार्य स्थलों को जांचा जा रहा है। मनरेगा में कुल ५० जेईएन लगे हैं। इनमें तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही जगह पर जमे जेईएन का कार्य क्षेत्र बदल रहे हैं। निरीक्षण में जिन जगहों पर अनियमितता सामने आई है, वहां पर संबंधित मैट को तत्काल ब्लेक लिस्टेड कर रहे हैं।
कृष्ण चोटिया, जिला प्रमुख, हनुमानगढ़
जांच रहे कार्य
मनरेगा में कार्यों को जांचने के लिए समय-समय टीमें कार्य स्थलों पर जाती है। हाल ही में जिला स्तर पर आदेश जारी कर पूरे जिले में मनरेगा कार्य स्थलों को जांचने का काम पूरा किया गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति का पता चलेगा।
-मदन गोदारा, सहायक अभियंता, जिला परिषद हनुमानगढ़
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