इसमें मुख्य अभियंता ने वोटर लिस्ट बनाने का काम बीके अध्यक्षों से करवाने की बात कही। आरोप है कि विभाग के पास पर्याप्त संसाधन हैं। इस स्थिति में चुनाव करवाने की जिम्मेदारी भी अधिकारियों की है। लेकिन अधिकारी चुनाव करवाने में टालमटोल कर रहे हैं। राजस्थान जल उपयोक्ता संघ जयपुर के अध्यक्ष बृजमोहन मूंड के अनुसार वर्ष 2012 में चेयरमैन का चुनाव हुआ था। इसके पांच वर्ष बाद फिर चुनाव होने थे। लेकिन कार्यकाल पूरा होने के करीब तीन वर्ष बाद भी अभी तक चेयरमैन का चुनाव नहीं करवाया गया है। राजनीतिक दबाव के चलते अफसर चुनाव करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस बारे में जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल से जब पत्रिका ने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि चुनाव करवाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। इसकी प्रक्रिया लंबी है। वर्तमान बीके अध्यक्षों को वोटर लिस्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। रिकॉर्ड भी उनके पास है। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे। अब विभाग अपने स्तर पर चुनाव करवाने का प्रयास कर रहा है।
गत दिनों भाखड़ा परियोजना के तत्कालीन चैयरमेन पालाराम का कोर्ट से विवाद निस्तारित होने पर कार्य व्यवस्था के तहत लालचंद सहारण को नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। कुछ समय बाद ही सहारण का निधन होने के बाद विजय जांगू को भाखड़ा चेयरमैन का अस्थाई दायित्व दिया गया। इस तरह लंबे समय से भाखड़ा परियोजना में उचंती तौर पर ही चेयरमैन मिला है। इसलिए किसानों व बीके अध्यक्षों की आवाज को कोई उठाने वाला नहीं है। स्थाई तौर पर चेयरमैन मिलने पर ही नहर अध्यक्षों की मांगों को तवज्जो मिलने की उम्मीद है।
जल संसाधन खंड प्रथम व द्वितीय कार्यालय के अधीन सभी बीके अध्यक्षों के चुनाव पहले करवाने जरूरी हैं। इसमें खंड प्रथम में कुल 76 में से 43 बीके अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो गया है। इनके चुनाव करवाने को लेकर चुनाव कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसी तरह खंड द्वितीय में कुल 75 बीके हैं। इसमें 30 बीके अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो गया है। एक में मृत्यु उपरांत, तीन नव गठित बीके में पहली बार व एक बीके का जायका के तहत चुनाव करवाया जाना है।
नहरी विभाग में बीके अध्यक्षों के चुनाव में इस बार महिला वोटरों के नाम जोडऩे की अनिवार्यता है। पुरुष खातेदार होने पर उसकी पत्नी का वोट भी अब बनाया जाएगा। इस तरह केवल खंड द्वितीय में ही बीके अध्यक्षों का चुनाव करवाने पर एक लाख के करीब किसानों के शामिल होने का अनुमान है। करीब इतने ही किसान खंड द्वितीय कार्यालय में भी चुनाव में हिस्सा लेंगे।