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पहले दिन सात तो दूसरे दिन ग्यारह मकानों के पट्टे बनाने के आए आवेदन

locationहनुमानगढ़Published: Sep 18, 2021 10:18:26 pm

Submitted by:

adrish khan

पहले दिन सात तो दूसरे दिन ग्यारह मकानों के पट्टे बनाने के आए आवेदन- राज्य सरकार ने निकाय क्षेत्र में दो अक्टूबर को दो हजार पट्टे वितरित करने का लक्ष्य रखा तय
हनुमानगढ़. प्रशासन शहरों के संग अभियान हो या फिर प्रशासन गांवों के संग अभियान।

पहले दिन सात तो दूसरे दिन ग्यारह मकानों के पट्टे बनाने के आए आवेदन

पहले दिन सात तो दूसरे दिन ग्यारह मकानों के पट्टे बनाने के आए आवेदन


पहले दिन सात तो दूसरे दिन ग्यारह मकानों के पट्टे बनाने के आए आवेदन
– गाइडलाइन जारी नहीं: दो दिन में 12 वार्ड के नागरिकों के लिए आयोजित हो चुका है शिविर
– राज्य सरकार ने निकाय क्षेत्र में दो अक्टूबर को दो हजार पट्टे वितरित करने का लक्ष्य रखा तय

हनुमानगढ़. प्रशासन शहरों के संग अभियान हो या फिर प्रशासन गांवों के संग अभियान। अभियान का आगाज करने से पहले राज्य सरकार ने करीब दो माह तक होम वर्क किया है। लेकिन अभी तक इससे संबंधित गाइडलाइन जारी नहीं की है। यही वजह है कि शिविर में एक्का-दुक्का लोग ही आ रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने प्रत्येक निकाय को दो अक्टूबर को दो हजार पट्टे वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। बसावट की स्थिति साफ नहीं होने के कारण शिविर में न तो लोग आवेदन लेकर आ रहे हैं और जो लेकर आ रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के पास जानकारी नहीं होने के कारण बैरंग लौट रहे हैं। स्थानीय नगर परिषद की ओर से गत दो दिन में 12 वार्ड के नागरिकों के लिए शिविर लगा चुकी है। पहले दिन सात आवेदन आए थे तो दूसरे दिन शनिवार को 11 आवेदन आए हैं। उल्लेखनीय है कि गत 17 सितंबर को नप की ओर से वार्ड दो, तीन, चार, पांच, छह, सात व आठ को हाउसिंग बोर्ड स्थित सामूदायिक केंद्र में शिविर लगाया। 18 सितंबर को वार्ड 09, 10, 11, 13, 14 का शिविर सेक्टर 12 स्थित सामूदायिक केंद्र में लगाया गया। 19 सिंतबर रविवार को वार्ड 12, 15, 16, 49, 50, 51, 52, 53 का शिविर नगर परिषद उपकार्यालय में लगाया जाएगा। 20 सितंबर को वार्ड 54, 55, 56, 57, 58, 59, 60 व 01 का शिविर अम्बेडकर भवन में लगाया जाएगा। 21 सितंबर को वार्ड 17, 18, 19 व 48 का शिविर में दुर्गा मंदिर धर्मशाला में लगाया जाएगा। 22 सितंबर को वार्ड 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 42 व 43 का शिविर टाउन स्थित पुरानी नगर परिषद में लगेगा। 23 सितंबर को वार्ड 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33 व 34 का शिविर पंचायती धर्मशाला नई आबादी में लगाया जाएगा। 24 सितंबर को वार्ड 35, 36, 37, 38, 39 व 40 का शिविर ्रेप्रेमनगर स्थित नगर परिषद प्राथमिक पाठशाला में लगाया जाएगा। 25 सितंबर को वार्ड 41, 44, 45, 46 व 47 का शिविर नगर परिषद कार्यालय में लगेगा।
पट्टों का रंग भी तय, दिशा-निर्देश का अभाव
शिविर में आवेदन लेने व जांच आदि की प्रक्रिया होने के बाद भू-उपयोग के अनुसार पट्टों का वितरण होगा। प्रशासन शहरों के संग अभियान में दिए जाने वाले पट्टें पांच रंग के होंगे। आवासीय क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग पीला होगा, व्यावसायिक व पर्यटन क्षेत्र के लिए दिए जाने वाले पट्टे का रंग लाल होगा। वहीं मिश्रित उपयोग की भूमि के लिए नारंगी, संस्थागत उपयोग के लिए नीला व औद्योगित क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग बैंगनी व 69 ए के पट्टे गेरू रंग होगा। इन्हीं रंगों के आधार नगर परिषद शहर का एक नक्शा भी तैयार कर रही है। नक्शे में आबादी क्षेत्र, कच्ची बस्ती क्षेत्र, डीनोटिफाइड इलाका, वाणिज्यिक भूमि आदि को दर्शाया जा रहा है। लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी नहीं करने से स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है और इसी वजह से शिविर में लोगों का रूझान भी कम है।
शिविर में होने थे यह कार्य
राज्य सरकार की ओर से प्रशासन शहरों के संग अभियान में जो रूप-रेखा तय की हुई है। उसके तहत 69 के तहत पुराने पट्टों के स्थान पर नए पट्टे मिल सकेंगे। आम नागरिक अभियान से संबंधित नियमिन करवा सकेंगे व उससे संबंधित जानकारी भी ले सकेंगे। आवेदनकर्ता के पास भूखंड का स्वामित्व, कब्जे से जुड़े कागजात की संपूर्ण कड़ी होनी चाहिए। उपविभाजन व पुर्नगठन के मामलों में भी अंतिम क्रेता के नाम पर नवीन पट्टे मिलने की भी संभावना जताई जा रही है। अपंजीकृत दस्वातेज होने पर भी छूट मिलने की बात कही जा रही है। पट्टे बनाने के लिए लोगों की बसावट कब से होनी चाहिए। इसकी जानकारी निकायों को अभी तक नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार आवासीय, व्यवसायिक, मिश्रित, संस्थागत, औद्योगिक, पर्यटन उपयोग के पट्टों पर कई तरह के नियम लिखे होंगे। इसमें पट्टा धारक उक्त भूखण्ड को विक्रय अथवा अन्य प्रकार से हस्तान्तरित कर सकेगा तथा भूखण्ड को उप-पट्टे (सब-लीज) पर भी दे सकेगा। उक्त भूखण्ड के विक्रय/हस्तान्तरण पर क्रेता के पक्ष में नाम परिवर्तन के लिए निकाय में निर्धारित शुल्क आवेदन के साथ पंजीकृत विक्रय पत्र आदि प्रस्तुत करने होंगे। पट्टाधारक उत्तराधिकारी के मामले में कोई राशि देय नहीं होगी। पट्टे को सरकार/जीवन बीमा निगम/ऋण देने वाली संस्थाके पास बंधक (मोर्गेज) रखा जा सकेगा। इसके लिए स्थानीय निकाय के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी।
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