अनुबंध पर नहीं हुई व्यवस्था
गत माह में जिला अस्पताल प्रशासन ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर अनुबंध पर एमएस गायनी लगाने की मांग की थी। 2020 में जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक भी एमएस गायनी नहीं होने के कारण करीब 46 दिन तक ताला लटका रहा था। एमएस गायनी नहीं होने के कारण परिजन साधारण प्रसव करवाने के लिए भी गर्भवती को जिला अस्पताल में लाने से कतराते थे। गर्भवती की तबीयत खराब होने पर सर्जरी की आवश्यकता होती है।
गत माह में जिला अस्पताल प्रशासन ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर अनुबंध पर एमएस गायनी लगाने की मांग की थी। 2020 में जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक भी एमएस गायनी नहीं होने के कारण करीब 46 दिन तक ताला लटका रहा था। एमएस गायनी नहीं होने के कारण परिजन साधारण प्रसव करवाने के लिए भी गर्भवती को जिला अस्पताल में लाने से कतराते थे। गर्भवती की तबीयत खराब होने पर सर्जरी की आवश्यकता होती है।
125 से अधिक होती है सर्जरी
एमसीएच यूनिट में एक माह में 125 से अधिक सर्जरी होती है। कई बार यह आंकड़ा 150 से अधिक भी पहुंच जाता है। वहीं 400 से अधिक साधारण प्रसव होते हैं। वर्तमान में जिला अस्पताल में सात एनस्थेसिया चिकित्सक है और छह पीडियाट्रिशन हैं। चार एमएस गायनी में एक डयूटी पर हैं। इनमें से दो एमएस गायनी को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है और एक एमएस गायनी हाल ही में नोटिस भेजा गया है।
एमसीएच यूनिट में एक माह में 125 से अधिक सर्जरी होती है। कई बार यह आंकड़ा 150 से अधिक भी पहुंच जाता है। वहीं 400 से अधिक साधारण प्रसव होते हैं। वर्तमान में जिला अस्पताल में सात एनस्थेसिया चिकित्सक है और छह पीडियाट्रिशन हैं। चार एमएस गायनी में एक डयूटी पर हैं। इनमें से दो एमएस गायनी को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है और एक एमएस गायनी हाल ही में नोटिस भेजा गया है।
प्रसव की संख्या होगी कम
जिला अस्पताल को लेबर रूम व जेएसएसवाई वार्ड में बेहतर व्यवस्था होने पर राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन अब एक ही एमएस गायनी होने के कारण प्रसव की संख्या में कमी आएगी। दरअसल इनमें से एक गायनी डे ऑफ या फिर छुट्टी पर जाएंगी तो व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाएगी।
जिला अस्पताल को लेबर रूम व जेएसएसवाई वार्ड में बेहतर व्यवस्था होने पर राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन अब एक ही एमएस गायनी होने के कारण प्रसव की संख्या में कमी आएगी। दरअसल इनमें से एक गायनी डे ऑफ या फिर छुट्टी पर जाएंगी तो व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाएगी।
आउट सोर्स की व्यवस्था की है।
तीन एमएस गायनी छुट्टी पर जा चुकी हैं। निदेशालय को अवगत करवाया जा चुका है ताकि जिला अस्पताल में एमएस गायनी के तीन पद रिक्त हो जाएं। फिलहाल आउट सोर्स के जरिए तीन एमएस गायनी का एक पैनल तैयार किया गया है। जरुरत पढऩे पर ऑन कॉल इन्हें बुलाया जा रहा है।
डॉ. मुकेश कुमार पोटलिया, पीएमओ, जिला अस्पताल, हनुमानगढ़।
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तीन एमएस गायनी छुट्टी पर जा चुकी हैं। निदेशालय को अवगत करवाया जा चुका है ताकि जिला अस्पताल में एमएस गायनी के तीन पद रिक्त हो जाएं। फिलहाल आउट सोर्स के जरिए तीन एमएस गायनी का एक पैनल तैयार किया गया है। जरुरत पढऩे पर ऑन कॉल इन्हें बुलाया जा रहा है।
डॉ. मुकेश कुमार पोटलिया, पीएमओ, जिला अस्पताल, हनुमानगढ़।
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