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इतिहास में मिले सिर्फ जीरो, एक, दो, तीन व चार नम्बर, अन्य विषयों में 60 से 80 प्रतिशत

locationहनुमानगढ़Published: Jun 01, 2019 06:11:47 pm

Submitted by:

adrish khan

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hanumangarh ke pilibanga school ka mamla

इतिहास में मिले सिर्फ जीरो, एक, दो, तीन व चार नम्बर, अन्य विषयों में 60 से 80 प्रतिशत

इतिहास में मिले सिर्फ जीरो, एक, दो, तीन व चार नम्बर, अन्य विषयों में 60 से 80 प्रतिशत
– इतिहास में उड़ा उपहास, फस्र्ट डिवीजन वालों को मिला शून्य
– बारहवीं कला संकाय की कॉपी जांच फिर सवालों के घेरे में
हनुमानगढ़. राजस्थान बोर्ड कला संकाय के परीक्षा परिणाम में इतिहास विषय के चलते होनहारों का उपहास उड़ रहा है। वैकल्पिक सहित अन्य विषयों में फस्र्ट डिवीजन तक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को इतिहास में सिर्फ जीरो, एक, दो, तीन व चार-पांच तक नम्बर ही दिए गए हैं। पीलीबंगा स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की बालिकाओं के परीक्षा परिणाम में यह गड़बड़झाला सामने आया है। इतिहास विषय में अधिकांश छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में दस से कम अंक मिले हैं। जबकि अनिवार्य हिन्दी-अंग्रेजी से लेकर शेष वैकल्पिक विषयों में सारी छात्राओं ने 60 प्रतिशत से अधिक अंक ही हासिल किए हैं। इसका कारण इतिहास की उत्तर पुस्तिका जांच में लापरवाही बरतना बताया जा रहा है।
इस लापरवाही का खमियाजा यह भुगतना पड़ रहा है कि विद्यालय की बीस से अधिक छात्राएं इतिहास में मिले कम अंकों के कारण गार्गी पुरस्कार हासिल करने से वंचित रह गई हैं। क्योंकि उनके शेष विषयों में तो 75 प्रतिशत से अधिक ही अंक हैं, बस इतिहास ने उनको इतिहास बनाने से रोक दिया है। गौरतलब है कि 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को गार्गी पुरस्कार दिया जाता है। विद्यालय प्रबंधन ने इतिहास में कम अंक मिलने को गंभीरता से लेते हुए सभी छात्राओं के पुनर्मूल्यांकन के आवेदन भरवा दिए हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि संशोधित परिणाम में छात्राओं की उत्तर पुस्तिका का सही मूल्यांकन किया जा सकेगा।
यूं बिगाड़ा इतिहास ने
पीलीबंगा के राबाउमावि की कोमल शर्मा पुत्री भीमसेन शर्मा को हिन्दी में 80, अंग्रेजी में 50, गृह विज्ञान में 78 व हिन्दी साहित्य में 71 अंक मिले। जबकि इतिहास में उसे बोर्ड परीक्षा में 80 में से सिर्फ चार अंक दिए गए। छात्रा अल्का पुत्री बंशीलाल के हिन्दी में 74, अंग्रेजी में 60, गृह विज्ञान में 74 व हिन्दी साहित्य में 54 अंक आए। वहीं इतिहास में उसे 80 में से छह अंक मिले। गुरदास कौर पुत्री नक्षत्र सिंह को हिन्दी में 81, अंग्रेजी में 54, गृह विज्ञान में 71 तथा हिन्दी साहित्य में 55 अंक मिले। वहीं इतिहास में 80 में से केवल पांच अंक दिए गए। यह तीन तो केवल उदाहरण हैं। विद्यालय की करीब 35 छात्राओं के परीक्षा परिणाम की कमोबेश यही स्थिति है।
ऐसे दिए गए नम्बर
इतिहास में 80 में से विद्यालय की एक छात्रा को जीरो, एक को एक अंक, छह को दो अंक, दो को तीन अंक, सात को चार अंक, सात को पांच अंक व पांच छात्राओं को छह अंक दिए गए हैं।
गार्गी से भी वंचित
विद्यालय में कला संकाय में कुल 77 छात्राएं थी। इनमें से 59 ने प्रथम श्रेणी हासिल की है। जबकि 17 गार्गी पुरस्कार के लिए चयनित हुई हैं। मगर इतिहास में अत्यंत कम अंक मिलने के कारण बहुत छात्राएं गार्गी पुरस्कार प्राप्त करने से वंचित रह गई हैं। यद्यपि उनके पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन पत्र भरवा दिए गए हैं।
स्टेट फैक्ट फाइल
इतिहास के विद्यार्थी – 235649
परीक्षा में उत्तीर्ण – 230306
कुल परिणाम प्रतिशत – 97.73
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