scriptOur farmers are not understanding the value of canal water | हमारे किसान नहरी पानी का नहीं समझ रहे मोल | Patrika News

हमारे किसान नहरी पानी का नहीं समझ रहे मोल

locationहनुमानगढ़Published: Nov 03, 2022 12:49:44 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/

हनुमानगढ़. नहरी सिस्टम आने के बाद हमारे जिले को अन्न के कटोरे के रूप में पहचान मिली है। लगातार इसी नहरी पानी के बूते हमारे अन्न के भंडार भर रहे हैं।

 

हमारे किसान नहरी पानी का नहीं समझ रहे मोल
हमारे किसान नहरी पानी का नहीं समझ रहे मोल
हमारे किसान नहरी पानी का नहीं समझ रहे मोल
-ऊंट के मुंह मे जीरे के समान हो रही आबयाना वसूली, विभाग ने किसानों को चेताया
-कुल वसूली लक्ष्य 44 करोड़, अब तक करीब साढ़े छह करोड़ की ही वसूली हुई

हनुमानगढ़. नहरी सिस्टम आने के बाद हमारे जिले को अन्न के कटोरे के रूप में पहचान मिली है। लगातार इसी नहरी पानी के बूते हमारे अन्न के भंडार भर रहे हैं। परंतु आसानी से उपलब्ध नहरी पानी का आबयाना जमा करवाने के प्रति किसान ज्यादा रुझान नहीं दिखा रहे हैं। स्थिति यह है कि कई किसानों पर कई फसलों का आबयाना बकाया चल रहा है। जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के अधीन भाखड़ा परियोजना, गंगकैनाल व इंदिरागांधी नहर परियोजना से जुड़े क्षेत्र के करीब साढ़े तीन लाख किसानों से 44 करोड़ सात लाख रुपए का आबयाना वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मगर इसकी तुलना में अब तक काफी कम आबयाना वसूल किया गया है। अब विभागीय अधिकारी बीके स्तर पर इस माह से वसूली शिविर लगाकर किसानों को आबयाना जमा करवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिससे वसूली लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। 31 मार्च तक शत-प्रतिशत वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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