
कृषि बाहुल्य क्षेत्र, कृषि आधारित उद्योगों को मिले प्राथमिकता
हनुमानगढ़. श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिला देश में अन्न का कटोरा माने जाते हैं, यहां गेहूं, कपास, नरमा, सरसों, किन्नू, गाजर, आलू सहित सब्जियां भरपूर मात्रा में होती हैं फिर भी हमारा क्षेत्र रोजगार के क्षेत्र में परेशान है। ऐसे में कृषि बाहुल्य क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता से लगाया जाना चाहिए। यह विचार उभर कर आया राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित 'पत्रिका सनडे पॉलिटिकल क्लबÓ की परिचर्चा में। परिचर्चा में शहर के व्यापारिक, शैक्षणिक, जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में प्रतिनिधियों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में हर तरह की संभावनाएं हैं लेकिन राजनीतिक उपेक्षा के चलते समुचित विकास नहीं हो पाया, जिसका क्षेत्र हकदार है। जंक्शन व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्यारे लाल बंसल ने कहा कि सरकार किसी भी दल की रही हो लेकिन कुछ समस्या जस की तस हैं। उन पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेलवे के क्षेत्र में हमेशा उपेक्षा हुई है। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार पर आढ़त व्यापारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
कम्प्यूटर सेन्टर संचालक अश्वनी कुमार शर्मा ने कहा कि हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज खुलना चाहिए, यहां चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है। एनजेडआईईए के अध्यक्ष लोकराज शर्मा के अनुसार क्षेत्र की बेसिक समस्याओं का जल्द होना चाहिए। महिला शिक्षा के क्षेत्र में यहां राजकीय कन्या महाविद्यालय होना चाहिए। साहित्यकार नरेश मेहन ने बताया कि हमें अपना जनप्रतिनिधि जाति, धर्म, क्षेत्रवाद से ऊपर उठ कर चुनना चाहिए। ऐसा प्रतिनिधि चुनना चाहिए, जो ईमानदार ओर सक्रिय हो।
निजी कॉलेज संचालक तरूणविजय ने कहा कि हमें अपना ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना होगा जो लोकसभा में हमारी बात को पुरजोर तरीके से उठा सके। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र की अनिवार्यता होनी चाहिए। कोचिंग सेन्टर संचालक अमन कुमार ने कहा कि सरकार को घोषणा पत्र लागू करने की अनिवार्यता का नियम बनाना चाहिए। सेवानिवृत लेखाअधिकारी महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा कि रेल, चिकित्सा, शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख से कार्य होने की आवश्यकता है।
प्रधानाचार्य रोहिताश चुघ शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार परक शिक्षा के लिए कार्य की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी शिक्षा नीति बने, जिससे रोजगार परक पाठयक्रमों को बढ़ावा मिले, रोजगार परक शिक्षण संस्थानों को सरकार संरक्षण और बढ़ावा दे। चुघ ने कहा कि क्षेत्र कृषि आधारित हैं और क्षेत्र में कृषि आधारित क्षेत्रों को प्राथमिकता और रियायत के आधार पर स्थापित करवाना चाहिए। एडवोकेट नितिन छाबड़ा ने क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सरकार की तरफ से लगाए जाने की वकालत की। निजी स्कूल संचालक जसवन्त सिंह ढिल्लो ने मूलभूत सुविधाओं शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार पर ध्यान दिए जाने पर बल दिया। गोष्ठी में एडवोकेट मनीष कौशिक आदि ने विचार व्यक्त किए।
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