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पांच रंग के होंगे पट्टे, भू-उपयोग के अनुसार किया जाएगा वितरित

locationहनुमानगढ़Published: Sep 16, 2021 11:37:39 pm

Submitted by:

Manoj Manoj Goyal

नक्शे में दर्ज होगी, शहर की वस्तुस्थितिनगर परिषद करेगी सर्वे

पांच रंग के होंगे पट्टे, भू-उपयोग के अनुसार किया जाएगा वितरित

पांच रंग के होंगे पट्टे, भू-उपयोग के अनुसार किया जाएगा वितरित

हनुमानगढ़. भू-उपयोग के अनुसार पट्टों का वितरण किया जाएगा। प्रशासन शहरों के संग अभियान में दिए जाने वाले पट्टें पांच रंग के होंगे। आवासीय क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग पीला होगा, व्यावसायिक व पर्यटन क्षेत्र के लिए दिए जाने वाले पट्टे का रंग लाल होगा। वहीं मिश्रित उपयोग की भूमि के लिए नारंगी, संस्थागत उपयोग के लिए नीला व औद्योगित क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग बैंगनी व ६९ ए के पट्टे गेरू रंग होगा।
इन्हीं रंगों के आधार नगर परिषद शहर का एक नक्शा तैयार करने की जा रही है। इन नक्शे में आबादी क्षेत्र, कच्ची बस्ती क्षेत्र, डीनोटिफाइड इलाका, वाणिज्यिक भूमि आदि को दर्शाया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद अपने स्तर पर सर्वे करवाएगी। प्रशासन शहरों के संग अभियान में लिए जाने वाले आवेदन व इनकी जांच करने में आसानी में होगी।
ऋण लेने के लिए एनओसी की नहीं होगी आवश्यकता
आवासीय/व्यवसायिक/मिश्रित/संस्थागत/औद्योगिक/ पर्यटन उपयोग के पट्टों पर कई नियम लिखे होंगे। इसमें पट्टा धारक उक्त भूखण्ड को विक्रय अथवा अन्य प्रकार से हस्तान्तरित कर सकेगा तथा भूखण्ड को उप-पट्टे (सब-लीज) पर भी दे सकेगा। उक्त भूखण्ड के विक्रय/हस्तान्तरण पर क्रेता के पक्ष में नाम परिवर्तन के लिए निकाय में निर्धारित शुल्क आवेदन के साथ पंजीकृत विक्रय पत्र आदि प्रस्तुत करने होंगे।
पट्टाधारक उत्तराधिकारी के मामले में कोई राशि देय नहीं होगी। पट्टे को सरकार/जीवन बीमा निगम/ऋण देने वाली संस्थाके पास बंधक (मोर्गेज) रखा जा सकेगा। इसके लिए स्थानीय निकाय के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी।
25 प्रतिशत की होगी वृद्धि
पट्टा धारक एक मुश्त लीज राशि जमा करवाता है तो ठीक है। नहीं तो पट्टा धारक को प्रत्येक वर्ष लीज राशि जमा करवानी होगी। एक बार नियत की गई लीज राशि 15 वर्ष के पश्चात और भूखण्ड के प्रत्येक विक्रय/हस्तान्तरण पर 25 प्रतिशत की होगी।
हैरिटेज भवनों के पट्टों पर यह होगी शर्ते
ऐसे परंपरागत भवन जिनमें नीचे दुकानें और ऊपर आवासीय भवन चल हैं, ऐसे भवन मिश्रित भू उपयोग की श्रेणी में माने जाएंगे। परंपरागत भवन जिनमें पारिवारिक बटवारे से भवन का मौके पर अर्जित हिस्सा/काबिज हो रखा है तथा एक ही भवन में प्रत्येक मंजिल पर हिस्सेदारी से काबिज है।
उनका विस्तृत साइट प्लान मय क्षेत्रफल के एवं निर्मित क्षेत्रफल के अनुरूप पृथक से साईट प्लान इस पट्टे के साथ संलग्न होगा, जो इस पट्टे का भाग होगा। यह पट्टा स्वनिर्धारण के आधार पर दिया जाएगा। किसी भी प्रकार के विवाद के लिए पट्टा धारक स्वंय जिम्मेदार होगा।
जोनल प्लान के लिए ड्रोन सर्वे
नगर परिषद की ओर से शहर को सात भागों में बांटकर जोनल प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत महाराष्ट्र नागपुर की कंपनी ५५ लाख रुपए की लागत से जोनल प्लान तैयार कर रही है।
वर्तमान स्तर पर शहर का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। इलाके के हिसाब से सर्वे जारी है। सर्वे के दौरान जीआईएस (जीयोग्राफीकल इंर्फोमेशन सिस्टम) के तहत ड्रोन केमरे की मदद से इलाके की स्थिति को कैद किया गया है।

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