scriptघर-घर औषधि योजना में पांच जुलाई से वितरित करेंगे पौधे | Plants will distribute door-to-door drug scheme from July 5 | Patrika News
हनुमानगढ़

घर-घर औषधि योजना में पांच जुलाई से वितरित करेंगे पौधे

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. सरकार की बजट घोषणा 2021-22 के अंतर्गत वन विभाग की घर-घर औषधि योजना के तहत जिले में प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों मेंं तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेध समेत चार प्रकार के औषधिय पौधों के कुल 24 पौधे नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे।
 

हनुमानगढ़Jun 01, 2021 / 06:41 pm

Purushottam Jha

घर-घर औषधि योजना में पांच जुलाई से वितरित करेंगे पौधे

घर-घर औषधि योजना में पांच जुलाई से वितरित करेंगे पौधे

घर-घर औषधि योजना में पांच जुलाई से वितरित करेंगे पौधे
-योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिला कलक्टर ने ली जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक
-इस वर्ष वन विभाग की 16 नर्सरियों में कुल 14 लाख 73 हजार 683 पौधे हो रहे तैयार
हनुमानगढ़. सरकार की बजट घोषणा 2021-22 के अंतर्गत वन विभाग की घर-घर औषधि योजना के तहत जिले में प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों मेंं तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेध समेत चार प्रकार के औषधिय पौधों के कुल 24 पौधे नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे। जिले में योजना की क्रियान्विति को लेकर जिला कलक्टर नथमल डिडेल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसकी पहली बैठक मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी पांच जुलाई से औषधिय पौधे का वितरण जिले में शुरू कर दिया जाए। कलक्टर ने वन विभाग के द्वारा उनकी 16 नर्सरियों में तैयार किए जा रहे औषधिय पौधों की स्थिति, वितरण स्थल, वितरण व्यवस्था, योजना का प्रचार प्रसार पर इत्यादि पर चर्चा करने के बाद कहा कि कोरोना जैसी महामारी के समय वैसे भी पौधे लगाने की सख्त जरूरत है। अभी जुलाई का महीना आ रहा है तो वैसे भी हम पार्क इत्यादि में अधिक से अधिक पौधे लगाकर प्रकृति को कुछ दे सकते हैं। घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन में ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कृषि समेत विभिन्न विभागों का सहयोग जरूरी है। उपवन संरक्षक करण सिंह काजला ने योजना के बारे में बताया कि योजना के अंतर्गत जिले के प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों में चार औषधिय पौधों के कुल 24 पौधे नि:शुल्क दिए जाने हैं। इस साल जिले के कुल 3 लाख 34 हजार 928 परिवारों ( वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) में से आधे परिवारों यानि 1 लाख 67 हजार 464 परिवारों को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधे यानि कुल 8 पौधे वितरित किए जाने हैं। अगले साल बचे हुए 1 लाख 67 हजार 464 परिवारों को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधे यानि कुल 8 पौधे वितरित किए जाएंगे। योजना के तीसरे वर्ष में जिले के सभी परिवारों को 8-8 पौधे दिए जाने हैं। उसके अगले दो सालों में फिर जिले के आधे परिवारों को एक साल और बचे हुए आधे परिवारों को अगले साल 8-8 पौधे दिए जाएंगे। इस साल 5 जुलाई से शुरू होने वाले औषधिय पौधे वितरण के दौरान संबंधित परिवार के मुखिया को जन आधार कार्ड साथ लाना होगा। जन आधार कार्ड नहीं होने पर मुखिया का आधार कार्ड साथ लाना होगा। 5 जुलाई से पौधे वितरण शुरू करके सितंबर तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा।
वन विभाग की नर्सरी पर नजर
जिले में वन विभाग की कुल 16 नर्सरी है। इसमें हनुमानगढ़ ब्लॉक में कोहला, मंडल कार्यालय और 128 आरडी एसडीबी, नोहर में थालड़का, रामगढ़ और सोनड़ी, भादरा में अजीतपुरा, डूंगराना और भादरा, पीलीबंगा में दोलतांवाली और 18 एसपीडी, रावतसर में साहवा लिफ्ट 4 किमी और साहवा लिफ्ट 10 किमी, संगरिया में संगरिया और टिब्बी में मसितावाली हैड पर यह नर्सरियां स्थित है। इस साल जि़ले की सभी 16 नर्सरियों में कुल 14 लाख 73 हजार 683 औषधिय पौधे तैयार हो रहे हैं।
65.14 लाख का बजट मंजूर
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले की इन सभी 16 नर्सरियों में इस साल के लक्ष्य से 10 प्रतिशत अतिरिक्त यानि कुल 14 लाख 73 हजार 683 पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसको लेकर वन विभाग की ओऱ से प्रति पौधा 3 रुपए 30 पैसे के हिसाब से कुल 65.14 लाख का बजट का आवंटन कर दिया है। अगले पांच सालों में इन 16 नर्सरियों में कुल 88 लाख 42 हजार 99 ओषधिय पौधे तैयार किए जाएंगे।
सहयोग के लिए महकमे चिन्हित
योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर जहां वन विभाग नोडल विभाग रहेगा। वहीं अन्य 20 विभागों का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा। इसमें आयुर्वेद व चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि, स्वायत्त शासन, पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास व पंचायतीराज, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, खेल, जल संसाधन, शिक्षा, उच्च शिक्षा, खनिज, पीएचईडी, संस्कृत, सूचना एवं जनसंपर्क, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, उद्योग, एनसीसी स्काउट व रसद विभाग शामिल हैं। उपवन संरक्षक कर्ण सिंह काजला ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण व जीवन शैली में परिवर्तन जैसे कारणों से स्थानीय लोग अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त होते रहते हैं। लिहाजा 5 वर्षों की इस योजना का मुख्य ध्येय आयुर्वेद व स्थानीय परंपरात ज्ञान व वनों में उपलब्ध औषधियों को लोगों के घरों, खेतों व निजी जमीनों के समीप उगाने हेतु सहायता करने से राज्य के लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस योजना को जिले भर में अभियान के रूप में चलाया जाएगा।
यह अधिकारी रहे उपस्थित
बैठक में जिला कलक्टर नथमल डिडेल के अलावा सभी चिन्हित संंबंधित महकमों के अधिकारी मौजूद रहे। सीईओ जिला परिषद रामनिवास जाट, डीएसओ राकेश न्यौल, डीएफओ करण सिंह काजला, पीआरओ सुरेश बिश्नोई, नगरपरिषद कमिश्नर पूजा शर्मा, सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक आकाशदीप सिद्धू, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रवेश सोलंकी, सीडीईओ तेजा सिंह गदराना, समाज कल्याण अधिकारी सुरेंद्र पूनियां, एसीएफ राजीव गुप्ता, भादरा ईओ गुरदीप सिंह, ईओ रावतसर पवन चौधरी, ईओ पीलीबंगा गोपी कृष्ण, खनिज अधिकारी सुरेश अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो