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पुलिस नहीं करना चाहती जांच, अब ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने का लगा रही आरोप

locationहनुमानगढ़Published: May 21, 2019 10:04:04 pm

Submitted by:

Anurag thareja

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पुलिस नहीं करना चाहती जांच, अब ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने का लगा रही आरोप

पुलिस नहीं करना चाहती जांच, अब ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने का लगा रही आरोप


पुलिस नहीं करना चाहती जांच, अब ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने का लगा रही आरोप
– पवन व्यास हत्याकांड में पिता रामस्वरूप ने प्रेस वार्ता में पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
– 27 को नोहर बंद करने का एलान

हनुमानगढ़. 19 माह पहले नोहर के गांव जसाना में दिनदहाड़े पंचायत घर में गला रेतकर पवन व्यास की हत्या के पुलिस अहम सुराग तक ढूंढ नहीं पाई है। घटना स्थल से पवन व्यास का गायब हुआ मोबाइल, लेपटॉप, पेनड्राइव आज तक नहीं मिला। हत्याकांड की जांच के लिए 18 पुलिस अधिकारियों की कमेटी नियुक्त की गई थी। केवल दो अधिकारी ही जांच करने गांव आते हैं। पुलिस इस मामले को दबाना चाहती है, इसलिए ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने की मनगढ़ंत कहानी तैयार करने में जुटी है। यह आरोप मंगलवार को जंक्शन की गौड़ ब्राह्मण धर्मशाला में हुई आयोजित प्रेस वार्ता में पवन व्यास के पिता रावस्वरूप ने लगाए। प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे माकपा नेता मंगेज चौधरी ने कहा कि हत्याकांड की जांच के लिए आईजी तीन बार गांव आ चुके हैं। लेकिन हनुमानगढ़ मुख्यालय पर बैठे कैप्टन एक दफा ही आए और वो भी प्रोटोकोल के आधार पर, जबकि हत्याकांड का खुलासा नहीं होना पुलिस की बड़ी नाकामयाबी है। यह बात खुद आईजी भी स्वीकार कर चुके हैं। वार्ता में आरोप लगाया कि एसओजी 100 दिन से इस हत्या की जांच कर रही है। लेकिन हाथ में कुछ हासिल नहीं हुआ। इससे पहले सात माह तक जांच की फाइल सीआईडी के पास पड़ी रही लेकिन इसे हाथ तक नहीं लगाया गया। विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार किया तो ग्रामीणों की मांग पर अधिकारियों ने एसओजी को जांच दी। जांच देने के डेढ़ माह बाद तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन शुरू किया तो गांव में जांच करने के लिए एसओजी के अधिकारी पहुंचे। सौ दिन मेें महज दस दिन ही एसओजी ने इस गांव में आकर हत्याकांड को लेकर जांच पड़ताल की। मगेंज चौधरी ने बताया कि इसके सामांनतर 18 पुलिस के अधिकारियों की कमेटी भी गठित की गई थी। 18 में से दो अधिकारी ही गांव में जांच करने ही आते हैं और अब पुलिस इस हत्याकांड की जांच से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीणों पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रही है। चौधरी ने कहा कि इस हत्याकांड का खुलासा कराने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने के लिए सभी सामाजिक संगठनों का साथ लेकर 27 को नोहर बंद किया जाएगा। प्रेस वार्ता में इस हत्या का खुलासा नहीं करने के पीछे तत्कालीन एक एसपी व एएसआई का भी हाथ होने का आरोप लगाया गया। गौरतलब है कि इस हत्याकांड के खुलासे की मांग को लेकर ग्रामीण 78 दिन से धरने पर बैठे हैं। इस मौके पर रामेश्वर वर्मा, रघुवीर वर्मा, रमेश खटोदिया, केदार, रामावतार, बहादुर सिंह, मुकेश आदि मौजूद थे।
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