छठ घाट के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की मांग को लेकर रविवार को खुंंजा नहर पर धरना लगाया गया था। विभिन्न संगठनों का सहयोग मिलने के बावजूद आखिरकार आंदोलनकारियों को सिवाय लॉलीपॉप के कुछ नहीं मिला। जिस १०० फुट के टुकड़े का निर्माण करवाने का आश्वासन अधिकारियों ने रविवार को वार्ता में दिया, उस पर तीन दिन पहले ही सहमति बन गई थी। घाट के एक सौ फुट के बचे निर्माण को पूरा करने को लेकर विधायक चौधरी विनोद कुमार व विभागीय अभियंताओं की समझाइश पर निर्माण ठेकेदार ने तीन दिन पहले ही छठ घाट पर निर्माण सामग्री रखवा दी थी। इस स्थिति में रविवार को आंदोलन के दौरान कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया। आंदोलनकारियों को सिवाय लॉलीपॉप के कुछ नहीं मिला।
ं
बनी गहमागहमी की स्थिति
आंदोलन के दौरान सिंचाई महकमे के एक अभियंता की ओर से दिए गए बयान के बाद गहमागहमी की स्थिति बन गई। अभियंता का कहना था कि बजट है नहीं, ऐसे में १०० फीट से अधिक निर्माण संभव नहीं है। चाहे कितना भी आंदोलन कर लो। ऐसे बोल पर मौजूद लोग आक्रोशित हो गए। लोगों के आक्रोश को देखते हुए अभियंता को वहां से रवाना कर दिया गया। इसके बाद एक्सईएन रामहंस सैनी वार्ता के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। एक्सईएन की ओर से आश्वासन मिलने पर सभी धरना खत्म करने को तैयार हुए।
जंक्शन में खुंजा नहर पर छठ घाट का निर्माण अधूरा पड़ा है। जबकि छठ महोत्सव नजदीक है। आंदोलनकारियों के अनुसार विभागीय अभियंताओं की ओर से जब छठ घाट का प्रोजेक्ट बनाया गया था, उस समय एस्टीमेट ही ठीक से नहीं बनाया गया था। इस कमी को विभागीय अधिकारी भी दबी जुबान स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन विभाग स्तर पर की छोड़ी गई इस कमी को दूर करने को लेकर ना तो अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं और ना ही जनप्रतिनिधि इसे लेकर कोई ठोस निर्णय ले रहे हैं। इसके कारण समस्या का समाधान होने की बजाय यह अब राजनीति रंग लेने लगा है।
धरना स्थल पर भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई ने कहा कि छठ घाट का निर्माण हर हाल में करवाएंगे। चाहे इसके लिए हमें कुछ भी क्यों ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ी तो सांसद कोटे से हम विभाग को बजट उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे। लेकिन अधूरे छठ घाट का निर्माण पूरा जरूर करवाएंगे।