scriptहनुमानगढ़ के खुला बंदी शिविर से कैदी फरार | Prisoner escaped from open prison camp in Hanumangarh | Patrika News

हनुमानगढ़ के खुला बंदी शिविर से कैदी फरार

locationहनुमानगढ़Published: Apr 08, 2020 08:28:16 pm

Submitted by:

adrish khan

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हनुमानगढ़. टाउन स्थित खुला बंदी शिविर से बंदी फरार हो गया। इस संबंध में बुधवार को टाउन थाने में संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पुलिस के अनुसार जिला कारागृह के प्रहरी रामधन मीणा ने रिपोर्ट दी कि हनुमानगढ़ टाउन में फतेहगढ़ मोड़ के पास स्थित खुला बंदी शिविर में नरेन्द्र बागड़ी पुत्र सीताराम जाट निवासी पीएस अग्रोहा, जिला हिसार, हरियाणा सजा काट रहा था।

हनुमानगढ़ के खुला बंदी शिविर से कैदी फरार

हनुमानगढ़ के खुला बंदी शिविर से कैदी फरार

हनुमानगढ़ के खुला बंदी शिविर से कैदी फरार
– सजायाफ्ता कैदी हरियाणा के हिसार जिले का निवासी
– हनुमानगढ़ टाउन थाने में मामला दर्ज
हनुमानगढ़. टाउन स्थित खुला बंदी शिविर से बंदी फरार हो गया। इस संबंध में बुधवार को टाउन थाने में संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पुलिस के अनुसार जिला कारागृह के प्रहरी रामधन मीणा ने रिपोर्ट दी कि हनुमानगढ़ टाउन में फतेहगढ़ मोड़ के पास स्थित खुला बंदी शिविर में नरेन्द्र बागड़ी पुत्र सीताराम जाट निवासी पीएस अग्रोहा, जिला हिसार, हरियाणा सजा काट रहा था। शिविर में मंगलवार सुबह बंदियों की हाजिरी लगाई जा रही थी। इस दौरान वह गैर हाजिर मिला। बंदी नरेन्द्र बागड़ी सोमवार रात या मंगलवार तड़के किसी समय बंदी शिविर से फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। आरोपी के हरियाणा स्थित घर तथा छिपने के संभावित ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी। मगर वह अब तक हत्थे नहीं चढ़ सका है। मामले की जांच सहायक उप निरीक्षक बलराम सिंह को सौंपी गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी खुली जेल से बंदियों के फरार होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। गत वर्ष 25 जून को गुरबचन सिंह निवासी नई मंडी घड़साना, श्रीगंगानगर गायब हो गया था। वह हत्या के मामले में सजा काट रहा था। करीब पौने चार साल पहले भादरा के जोगीवाला गांव का बंदी खुला बंदी शिविर से फरार हो गया था। हालांकि उसको अगले दिन ही पुलिस ने घर में सोते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

कई तरह की सुविधा
खुला बंदी शिविर के सभी बंदियों को कृषि अधिकारियों की ओर से फार्म में काम दिया जाता है। इसके बदले बंदियों को मजदूरी का भुगतान किया जाता है। जेल में सजा काटने के दौरान अच्छे चाल-चलन वाले कैदियों को खुली जेल में भेज दिया जाता है ताकि वे दोबारा समाज में स्थापित होकर मुख्य धारा में शामिल हो सके। खुली जेल में बंदियों को मकान, विद्युत, मोबाइल आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
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